DM vs. Secretary: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में गुरुवार को एक अजीबोगरीब किस्सा देखने को मिला, जो शायद प्रशासनिक हलकों में लंबे समय तक गूँजता रहेगा। मिशन समाधान के तहत जिलाधिकारी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ग्राम पंचायत खानजहांपुर चिरकुआं पहुंचे थे। सब कुछ सामान्य चल रहा था जब तक DM ने अचानक ग्राम पंचायत सचिव रवि महली से एक सादा सवाल नहीं पूछ लिया।
सवाल का जवाब तो सचिव जी के पास नहीं था, लेकिन उनके पास एक ऐसा जवाब था जिसने मौके पर खड़े सभी लोगों के होश उड़ा दिए। DM साहब ने हल्का तंज कसते हुए पूछा, “सचिव जी, क्या कुछ नशा कर रखा है?” अब तक तो सभी यही सोच रहे थे कि सचिव थोड़े नर्वस होंगे। लेकिन सचिव ने ऐसा जवाब दिया कि DM साहब का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। बिना झिझक सचिव ने जवाब दिया, “जी सर, कभी-कभी कर लेता हूं।”
बस फिर क्या था, वहां मौजूद लोग तो हक्का-बक्का रह गए, और DM साहब का गुस्सा ऐसा फूटा कि सचिव जी की नौकरी की फाइल एक्शन मोड में पहुंच गई। खंड विकास अधिकारी को भी लगा कि मामला गंभीर है, तो उन्होंने सचिव जी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश कर डाली।
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DM का मिशन समाधान और ‘सचिव का समाधान’
ये मामला सिर्फ DM के सवाल-जवाब तक (DM vs. Secretary) ही सीमित नहीं था। दरअसल, DM साहब का मकसद था मिशन समाधान—यानी सरकारी जमीनों को भूमाफियाओं के कब्जे से मुक्त कराना। हर हफ्ते गुरुवार को चलने वाला ये अभियान बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन इस बार मिशन समाधान की बजाए सचिव जी का ‘स्वीकृत नशा समाधान’ सुर्खियों में आ गया।
अब देखना होगा कि सचिव जी को सिर्फ नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा या ‘कभी-कभी’ की इस आदत पर भी कुछ कड़ाई होगी!
कहते हैं, ‘सच बोलने से हमेशा फायदा होता है,’ पर शायद इस बार सचिव जी ने कुछ ज्यादा ही सच बोल दिया!