Indira Ekadashi : इंदिरा एकादशी व्रत और पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, खासकर पितृ पक्ष के दौरान। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से व्यक्ति को न केवल व्यक्तिगत लाभ मिलता है, बल्कि इससे पितरों की आत्माओं को भी शांति प्राप्त होती है। इसे “डबल फायदा” देने वाला व्रत कहा जाता है क्योंकि यह सभी इच्छाओं को पूरा करता है
Indira Ekadashi का महत्व
Indira Ekadashi पितृ पक्ष के दौरान आती है, जो अपने आप में पूर्वजों की आत्माओं को तर्पण और शांति प्रदान करने का समय है। इस दिन व्रत और पूजा करने से माना जाता है कि व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं, और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह पितरों की आत्माओं को भी स्वर्ग में स्थान दिलाने का मार्ग प्रशस्त करती है।
Indira Ekadashi व्रत से कैसे होगा फायदा ?
Indira Ekadashi का व्रत रखने से व्यक्ति के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष का मार्ग मिलता है। इसका पालन करने से मानसिक शांति, समृद्धि और आत्मिक उन्नति होती है।
पितरों का कल्याण: इस एकादशी पर व्रत और पूजा करने से पितरों की आत्माओं को मुक्ति मिलती है, जिससे वे नरक से छुटकारा पाकर स्वर्गलोक में स्थान प्राप्त करते हैं। पितरों के प्रसन्न होने से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।
व्रत और पूजा का खास तरीका
व्रत का नियम
इस दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति निराहार या फलाहार करता है। सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
भगवान विष्णु की पूजा
इंदिरा एकादशी पर भगवान विष्णु का स्मरण विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। उनके सामने घी का दीपक जलाएं, पीले फूल अर्पित करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
पितरों का तर्पण
पितरों की शांति के लिए जल और तिल से तर्पण करना आवश्यक होता है। इस दिन पिंडदान का भी विशेष महत्व है।
दान-पुण्य: इंदिरा एकादशी पर गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और व्रत का फल दोगुना हो जाता है।
इंदिरा एकादशी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, सतयुग में राजा इंद्रसेन ने इस व्रत को किया था, जिससे उनके पितरों को मुक्ति मिली और स्वयं राजा को भी मोक्ष की प्राप्ति हुई। इस व्रत से पितरों का उद्धार होता है, और साथ ही व्रतधारी के सभी पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
इंदिरा एकादशी व्रत और पूजा न केवल आत्मिक उन्नति के लिए बल्कि पितरों की मुक्ति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे “डबल फायदा” देने वाला व्रत माना जाता है, जो व्यक्ति को व्यक्तिगत और पारिवारिक दोनों स्तरों पर लाभ पहुंचाता है। इस व्रत का पालन सही विधि और श्रद्धा के साथ करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।