Meerut: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक विवादास्पद मामला सामने आया है, जहां सदर बाजार स्थित बालाजी मंदिर के बाहर एक बैनर लगाया गया है। इस बैनर में महिलाओं से यह (Meerut) अपील की गई है कि वे त्योहारों और शादियों के दौरान मेहंदी लगवाने वालों की पहचान करें और बिना पहचान के मेहंदी न लगवाएं। इस बैनर ने स्थानीय समुदाय में विवाद उत्पन्न कर दिया है और कहा जा रहा है कि ऐसे बैनर शहर के अन्य हिस्सों में भी लगाए जाएंगे। अनुमानित रूप से करीब 250 नए बैनर तैयार किए जा रहे हैं, जिससे इस विवादित मुद्दे को और हवा मिल रही है।
विवादास्पद अपील
बैनर में साफ तौर पर लिखा गया है कि महिलाएं मेहंदी लगवाने से (Meerut) पहले उन लोगों की पहचान पूछें, जो उन्हें मेहंदी लगा रहे हैं। इस बैनर का मुख्य उद्देश्य यह है कि महिलाएं केवल पहचान वाले लोगों से ही मेहंदी लगवाएं, क्योंकि इनमें से कई लोग गैर समुदाय के हो सकते हैं। यह न केवल स्थानीय समाज की महिलाओं के लिए सुरक्षा की अपील है, बल्कि उनके लिए एक चेतावनी भी है।
महंत का बयान
बालाजी मंदिर के महंत महेंद्र दास ने बैनर पर चर्चा करते हुए कहा कि यह (Meerut) अपील महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए की गई है। उन्होंने कहा, “महिलाओं को मेहंदी लगवाने से पहले उसकी पहचान और पृष्ठभूमि की जांच करना चाहिए।” महंत ने बैनर में थूक कांड और मूत्र कांड का जिक्र करते हुए गैर समुदाय के लोगों से मेहंदी न लगवाने की सलाह दी है।
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शहर में बैनर की तैयारी
बालाजी मंदिर के महंत ने बताया कि इस विवादित बैनर के आधार पर 250 नए बैनर तैयार किए जा रहे हैं, जो शहर के विभिन्न इलाकों में लगाए जाएंगे। वर्तमान में, कैंट के भैसाली ग्राउंड में चल रही रामलीला में भी ऐसे बैनर पोस्टर लगाए गए हैं। इसके साथ ही, महंत ने यह भी कहा कि काली मंदिर में भी इस प्रकार के बैनर लगाए गए हैं। उनका स्पष्ट उद्देश्य यह है कि महिलाएं केवल अपने समुदाय के लोगों से ही मेहंदी लगवाएं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस विवादास्पद बैनर पर स्थानीय लोगों की मिश्रित प्रतिक्रिया आई है। कुछ लोगों का मानना है कि यह सुरक्षा का एक जरूरी कदम है, जबकि दूसरों का कहना है कि यह भेदभाव और धार्मिक तनाव को बढ़ावा देता है। दुकानदारों को भी यह कहा जा रहा है कि वे गैर समुदाय के लोगों को अपनी दुकानों पर काम न रखने दें।