Bahraich: बहराइच में हाल ही में हुई हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कई सवालों को जन्म दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, रामगोपाल की उम्र 28 वर्ष थी, जबकि पहले की रिपोर्ट्स में उसकी उम्र 22 वर्ष बताई गई थी। उसकी मृत्यु का कारण ‘एंटीमॉर्टम गनशॉट’ है, जो ‘सदमा और रक्तस्राव’ के कारण हुई।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि रामगोपाल के सीने, गर्दन और चेहरे पर कई गोलियों के निशान पाए गए हैं। यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट उन दावों को खारिज करती है, जिनमें कहा गया था कि रामगोपाल के साथ क्रूरता की गई थी, जैसे कि करंट देना या पैर के नाखून उखाड़ना।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुला राज
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कई महत्वपूर्ण तथ्य उजागर किए हैं। इसमें रामगोपाल के शरीर पर कुल 8 गंभीर चोटों का जिक्र किया गया है, जिनमें 40 जगह छर्रे लगने से ‘एंट्री वाउंड’ पाए गए हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रामगोपाल की छाती से लेकर गर्दन तक 29 छर्रे लगे, जबकि उसके दाहिने और बाएं ऊपरी भुजाओं पर भी छर्रे मिले हैं। दिलचस्प बात यह है कि रिपोर्ट में मथ्थे पर लगी चोट और पैरों की अंगुलियों में मिली ‘गहरी जलने की चोट’ ने करंट लगने और टॉर्चर की थ्योरी को जन्म दिया है। हालांकि, रिपोर्ट ने इस पर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला है, और इसकी जांच की आवश्यकता है।
पुलिस ने किया झूठे दावों का खंडन
इस मामले में Bahraich पुलिस ने कुछ दावों को खारिज कर दिया है। कई रिपोर्टों में कहा गया था कि रामगोपाल मिश्रा के साथ बर्बरता की गई थी, जिसमें उसे करंट लगाना और पैर के नाखून उखाड़ना शामिल था। पुलिस ने इस बात की स्पष्टता से जानकारी दी है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर्फ गोली लगने का ही जिक्र है। उन्होंने यह भी कहा कि मृतक की मौत के मामले में सिर्फ रामगोपाल की ही मृत्यु हुई है, और अन्य दावों की सच्चाई पर सवाल उठाया गया है।
हिंसा के कारण प्रभावित इलाका
Bahraich के हरदी क्षेत्र में हिंसा उस समय भड़की जब रामगोपाल मिश्रा दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के जुलूस में शामिल हुआ था। यह जुलूस जब समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था, तब दो पक्षों के बीच कहासुनी हुई, जिससे स्थिति बिगड़ गई। आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिसके परिणामस्वरूप भगदड़ मच गई। रामगोपाल को गोली मारी गई, जिससे उसकी मौत हो गई और इसके बाद क्षेत्र में व्यापक हिंसा हुई। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की और कई वाहनों में आग लगा दी। इस हिंसा के चलते भारी पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी और सीएम योगी ने मामले का संज्ञान लिया।
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Bahraich की घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया है। रामगोपाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कुछ दावों को खारिज किया है, लेकिन इसके बावजूद कई सवाल अब भी बाकी हैं। रिपोर्ट में दिए गए तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि जांच आगे बढ़ाई जाए ताकि इस मामले की वास्तविकता सामने आ सके। बहराइच में हिंसा की इस घटना ने स्थानीय समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है, और सभी की निगाहें अब न्याय की ओर हैं।