लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। महाराष्ट्र-झारखंड के साथ उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर शंखनाद हो चुका है। तारीखों के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों के नेता लाव-लश्कर के साथ सियासी दंगल में उतर चुके हैं और जीत-हार के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। हरियाण और जम्मू-कश्मीर में सीएम योगी आदित्यनाथ का नारा बंटेंगे तो कटेंगे सुपरहिट रहा। अब इस नारे की काट को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 50 फीसदी आरक्षण सीमा की दीवार तोड़ने का प्लान लेकर मैदान पर उतर चुके हैं। उन्होंने बुधवार को कहा हम देश में जाति आधारित जनगणना करवाएें। उनकी पार्टी 50 फीसदी आरक्षण सीमा की दीवार को भी तोड़ेगी।
नागपुर में राहुल गांधी ने दिया बयान
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर 20 नवंबर को वोटिंग होगी। बीजेपी ने सत्ता बरकरार रखने के लिए जमीन पर उतर चुकी है। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का ‘उड़नखटोला’ महाराष्ट्र के आसमान के चक्कर काट रहा है। शहर-शहर, गांव-गांव में सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे ‘कंटेंगे तो बंटेंगे’ का शोर सुनाई दे रहा है। नारे की काट को लेकर इंडिया ब्लॉक के नेता भी एड़ी चोटी का जो लगाए हुए हें और आरक्षण-जाति आधरित जनगणना कराए जाने की ढिंढोरा पीट रहे हैं। बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी नागपुर पहुंचे। यहा उन्होंने कहा कि कि देश में जाति आधारित जनगणना की कवायद होकर रहेगी और इस प्रक्रिया से दलितों, अन्य पिछड़ा वर्गों और आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय का पता चलेगा। हम आरक्षण में 50 फीसदी की दीवार को तोड़कर रहेंगे।
जाति जनगणना के लिए एक मॉडल बनाएंगे
नागपुर से पहले राहुल गांधी ने तेलंगना में भी बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि वो तेलंगाना में जाति जनगणना कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हम तेलंगाना को देश भर में जाति जनगणना के लिए एक मॉडल बनाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि वो देश में 50 प्रतिशत आरक्षण की बनावटी बाधा को ध्वस्त कर देंगे। भेदभाव की सीमा और प्रकृति का आकलन करने के लिए सबसे पहले जाति जनगणना की जानी चाहिए। इसलिए, मैं न केवल तेलंगाना में जाति जनगणना सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करूंगा कि तेलंगाना देश में जाति जनगणना के लिए एक मॉडल बने। हम ये मॉडल देश के अन्य राज्यों पर लागू करेंगे। हर गरीब को न्याय मिले, इसके लिए कांग्रेस कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
इस वजह से राहुल गांधी लेकर आए आरक्षण प्लान
दरअसल, हरियाणा के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को शिकस्त मिली। उसे देखते हुए कांग्रेस अब कोई गलती नहीं करना चाहती। ऐसा इसलिए क्योंकि महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। पार्टी को उम्मीद है कि आरक्षण और जातीय जनगणना के मुद्दे से पार्टी को फायदा हो सकता है। यही वजह है कि राहुल गांधी ने नागपुर में संबोधन के दौरान संविधान, आरक्षण और कास्ट सेंसस का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर की ओर से तैयार किया गया संविधान सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। उसी तरह जाति जनगणना विकास का प्रतिमान है। इससे स्पष्टता आएगी और नया प्रतिमान बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए रायबरेली सांसद ने कहा कि जब भी मैं जाति जनगणना की बात करता हूं, पीएम मोदी कहते हैं कि राहुल गांधी देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने मनुस्मृति का किया जिक्र
राहुल गांधी ने कहा कि हमें देश को बताना होगा कि हम देश के हाशिए पर पड़े 90 फीसदी से अधिक लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे हैं। खास बात है कि इस बार राहुल मनुस्मृति की आलोचना भी कर रहे। हरियाणा में दलित वोटरों की नाराजगी से जो झटका लगा उसी को देखते हुए शायद कांग्रेस ने नई रणनीति बनाई है। पार्टी इस बार किसी भी कीमत पर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के वोटों को खोना नहीं चाहती है। यही वजह है कि पार्टी झारखंड और महाराष्ट्र में ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ कर रही। झारखंड में हुए इसी सम्मेलन के दौरान राहुल गांधी ने मनुस्मृति को संविधान विरोधी पुस्तक बताया था। उन्होंने कहा कि संविधान और मनुस्मृति के बीच की लड़ाई वर्षों से चली आ रही है। अब कांग्रेस इसे अमलीजमा पहनाकर ही रहेगी।
तब सीएम योगी ने दिया नारा ‘बंटेंगे तो कंटेंगे’
दरअसल, बांग्लादेश में मचे बवाल का उल्लेख करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अगस्त, 2024 में कहा था, ‘कोई राष्ट्र तभी मजबूत रह सकता है…’। जब हम एकजुट, और धर्मनिष्ठ रहेंगे…। :बंटेंगे तो कटेंगे’’। उसके बाद से तो ये बीजेपी का नया नारा ही बन गया। अब तो लगता है, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के स्लोगन ’बंटेंगे तो कटेंगे’ की काट खोजना विपक्ष के लिए मुश्किल साबित हो रहा है, क्योंकि सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, झारखंड और महाराष्ट विधानसभा चुनावों में भी ये नारा अपना असर दिखाने लगा है। बीते दो महीनों से सीएम योगी आदित्यनाथ के भाषणों में ’बंटेंगे तो कटेंगे’ का किसी न किसी बहाने जिक्र जरूर सुनाई दे रहा है, जो एक तरीके से हिंदू समाज को एकजुट रहने का संदेश देने की कोशिश है।
जगह-जगह चस्पा किए नारे के पोस्टर
सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान आने के बाद लखनऊ में जगह-जगह बीजेपी नेताओं की ओर से इस नारे वाले पोस्टर भी लगाये गये थे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुंबई और ठाणे में भी सीएम योगी आदित्यनाथ के स्लोगन वाले पोस्टर देखे गये थे। जवाब में समाजवादी पार्टी की तरफ से जवाबी पोस्टर भी लगाये गये, जिन पर लिखा था ’ना बंटेंगे ना कटेंगे, मठाधीश सत्ता से हटेंगे’। सपा नेता अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर फिर से रिएक्ट किया है। ‘अंग्रेज चले गये और इन्हें छोड़ गये’। भारत का समाज ऐसे नारों को समर्थन नहीं देगा। वहीं राहुल गांधी का आरक्षण की सीमा बढ़ाने का दांव बता रहा है कि योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ स्लोगन ने विपक्ष की फिक्र बढ़ा दी है।