Akhilesh Yadav Attack: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक बड़ा दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले नौ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों को भारी हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा इन नौ सीटों पर एक भी सीट नहीं जीत पाएगी और सपा सभी सीटों पर विजय हासिल करेगी। इस दावे से सपा और भाजपा के बीच चुनावी माहौल में उबाल आ गया है। आगामी 20 नवंबर को कानपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़, गाजियाबाद और अन्य जिलों की सीटों पर उपचुनाव होंगे, जो प्रदेश की राजनीतिक दिशा तय करने के लिए अहम माने जा रहे हैं।
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने ट्वीट में भाजपा पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नकारात्मक प्रचार कर रही है क्योंकि उसके पास अपनी कोई उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा कि जिनके पास सकारात्मक कार्य नहीं होते, वही दूसरों पर आरोप लगाते हैं। अखिलेश ने यह भी कहा कि भाजपा नेताओं की नकारात्मक बातें इस बात का प्रमाण हैं कि वे डर चुके हैं और अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं।
डरे हुए इंसान की सबसे बड़ी पहचान होती है उसकी नकारात्मक बातें। जिनके पास अपनी कोई उपलब्धि नहीं होती वो दूसरों की बात करते हैं। नकली मुस्कान असलियत नहीं झुपा सकती।
अगर प्रतिशत में समझो तो ‘सौ की सौ’
भाजपा उपचुनाव में हार रही ‘नौ की नौ’— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 8, 2024
Akhilesh Yadav ने ट्वीट में लिखा, “अगर प्रतिशत में समझो तो सौ की सौ, भाजपा उपचुनाव में हार रही नौ की नौ। उनकी नकली मुस्कान और झूठे दावे जनता को गुमराह नहीं कर सकते।” उन्होंने कहा कि भाजपा की हार अब तय है और जनता इसका परिणाम दिखाएगी। यह उपचुनाव केवल सपा और भाजपा के बीच नहीं, बल्कि प्रदेश की आम जनता की भावनाओं का प्रतिक है।
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यूपी में जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें कानपुर जिले की सीसामऊ, मुरादाबाद की कुंदरकी, गाजियाबाद की गाजियाबाद, मिर्जापुर की मझवां और अलीगढ़ की खैर शामिल हैं। इसके अलावा, मैनपुरी की करहल, प्रयागराज की फूलपुर और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीटों पर भी मुकाबला होगा। इस बार कांग्रेस ने सपा के उम्मीदवारों को समर्थन देने का फैसला किया है और उसने खुद कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
Akhilesh Yadav ने यह भी स्पष्ट किया कि इन चुनावों में उम्मीदवारों से ज्यादा जीत की अहमियत है। उनका कहना है कि चुनाव चिह्न सपा का होगा, लेकिन प्रत्याशी इंडिया गठबंधन के होंगे। इस गठबंधन का उद्देश्य भाजपा को हराना और प्रदेश में एक मजबूत विपक्ष का निर्माण करना है।
उपचुनाव के परिणाम यूपी की राजनीति में बदलाव का संकेत दे सकते हैं, और यह सपा और भाजपा दोनों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।