UP News : साधना मर्डर केस में एक बड़ा अपडेट सामने आया है, बताया जा रहा है, कि शादीशुदा पीसी शर्मा के डीजीसी साधना शर्मा से प्रेम सम्बंध थे। बता दें, कि पीड़ित विपर्णा ने बदायूं पुलिस पर अपराधियों से मिले होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अपराधियों को बचाने के लिए ही थाने में जमा नोट बदले गए थे।
क्या था ये चर्चित मामला?
बदायूं के दबंग भाजपा नेता पीसी शर्मा पर डीजीसी साधना शर्मा की हत्या का आरोप लगा था। इस हत्याकांड में भाजपा नेता पीसी शर्मा सहित कई आरोपी बहराइच जेल में बंद हैं। शादीशुदा पीसी शर्मा के डीजीसी साधना शर्मा से प्रेम सम्बंध थे। भाजपा नेता को दिए 40 लाख वापस मांगने पर हत्या की गई थी। साधना की छोटी बहन एड. विपर्णा गौड़ कानूनी जंग लड़ रहीं है।
बता दें कि इस मामले में एक हत्याभियुक्त से बरामद नोटों को पुलिस ने थाने में बदल दिए गए थे। पुलिस ने कोर्ट में ऐसे नोट जमा कराए गए, जो तब चलन में नहीं थे। पीड़ित विपर्णा गौड़ ने पुलिस अफसरों से इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन विपर्णा गौड़ की बदायूं के अफसरों ने सुनवाई नहीं की।
एडीजी-आईजी बरेली से शिकायत के बाद इश मामले में एक्शन हुआ। एडीजी के आदेश पर उझानी थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इसमें फंसे उझानी थाने में तैनात रहे 12 इंस्पेक्टर- इंस्पेक्टर मनोज कुमार, यतेन्द्र भारद्वाज, संजय गोयल, इंस्पेक्टर राजीव शर्मा, राजीव कुमार, विनोद कुमार, इंस्पेक्टर ओमकार सिंह, विशाल प्रताप सिंह, अजय चाहर, इंस्पेक्टर बिजेन्द्र सिंह, हरपाल बालियान, शैलेन्द्र कुमार, हैड मोहर्रर अर्जुन सिंह, संतोष, पंकज, अनुज कुमार भी लपेटें में आए।
पीड़ित विपर्णा ने बदायूं पुलिस पर अपराधियों से मिले होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अपराधियों को बचाने के लिए ही थाने में जमा नोट बदले गए थे। एसएसपी बदायूं ने हमारी बात नहीं सुनी तो एडीजी के यहां जाना पड़ा। एडीजी के आदेश पर ही थाना प्रभारियों पर केस दर्ज हुआ था। विपर्णा ने बताया कि एफआईआर में पुलिस ने आरोपी इंस्पेक्टरों के नाम छिपाए थे।