Delhi Mayor Election : दिल्ली में आज एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव होने जा रहे हैं। एमसीडी सदन की बैठक आज (14 नवंबर) दोपहर 2 बजे होगी। इसमें पीठासीन अधिकारी (भाजपा पार्षद) सत्या शर्मा मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव संपन्न कराएंगी। आपको बता दें कि एमसीडी के प्रशासक एलजी हैं, जिन्होंने सत्या को नियुक्त किया है। सबसे वरिष्ठ पार्षद होने के नाते सत्या को चुना गया। सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी की तरफ से सभी पार्षदों को आदेश दिया गया है कि वे पीठासीन अधिकारी के आदेश का पालन करें और चुनाव संपन्न कराएं।
आप के दिग्गज नेता मनीष सिसोदिया के अलावा संजय सिंह और निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने पार्टी मुख्यालय में जीत का मंत्र दिया है। इस बैठक का एजेंडा मेयर चुनाव जीतना था। एमसीडी चुनाव की तैयारी में दो अलग-अलग मतदान केंद्र हैं। लेकिन सदन में मतदान के समय निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपने साथ मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं होगी। आपको बता दें कि स्थायी समिति के सदस्य के चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने दिशा-निर्देशों का विरोध किया था। विधायक और सांसद भी लेंगे हिस्सा
एमसीडी के 249 पार्षदों के अलावा 14 विधायक, दिल्ली के सभी सातों लोकसभा सांसद और तीन राज्यसभा सांसद भी मेयर चुनाव में हिस्सा लेंगे, लेकिन उन्हें सदन में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। इस संबंध में एमसीडी ने सभी पार्षदों, विधायकों और सांसदों को पहले ही सूचना भेज दी थी।
कौन बने मेयर पद के प्रत्य़ाशी ?
आप ने देव नगर के वार्ड 84 से पार्षद महेश खिंची को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने शकूरपुर से किशन लाल को मेयर प्रत्याशी बनाया है। वहीं, आप ने अमन विहार के पार्षद रविंदर भारद्वाज को डिप्टी मेयर पद के लिए मैदान में उतारा है। इस पद के लिए भाजपा ने सदातपुर से नीता बिष्ट को मैदान में उतारा है। आज दिल्ली के नए मेयर का चुनाव होते ही मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय पूर्व मेयर बन जाएंगी। आपको बता दें कि नए मेयर का चुनाव अप्रैल 2024 से अटका हुआ था।
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दिल्ली नगर निगम अधिनियम कहता है कि नए मेयर चुनाव की तारीख और समय मेयर द्वारा तय किया जाता है, जबकि चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी दिल्ली के एलजी द्वारा तय किया जाता है। जाहिर है विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और आप दोनों ही चाहते हैं कि मेयर उनका हो, ताकि वे विधानसभा चुनाव में जोश के साथ उतर सकें। नए मेयर का कार्यकाल सिर्फ 5 महीने का होगा इस बार चुनाव में मेयर पद पर दलित उम्मीदवार के चुने जाने की संभावना है, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच खींचतान के चलते नए मेयर का कार्यकाल सिर्फ पांच महीने का होगा।
दिल्ली नगर निगम एक्ट
दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव हर साल अप्रैल में होता है। दिसंबर 2022 में जब निगम के आम चुनाव हुए तो आप ने 134 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद फरवरी 2023 में आप पार्षद डॉ. शैली ओबेरॉय मेयर बनीं। वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद अप्रैल 2023 में हुए मेयर चुनाव में शैली ओबेरॉय दोबारा मेयर चुनी गईं। अप्रैल 2024 का मेयर चुनाव नहीं हो सका। एमसीडी एक्ट के मुताबिक मेयर पद का पहला साल महिला पार्षदों के लिए, दूसरा सामान्य और तीसरा साल अनुसूचित जाति के पार्षदों के लिए आरक्षित होता है।
आखिरी 2 साल फिर से सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होते हैं। पार्षदों को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए भाजपा मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने मेयर चुनाव टलने की आशंका जताई है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के पार्षदों से अपील की है कि वे वोट देने से पहले अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें। कपूर ने कहा कि जिस तरह से दलित मेयर का चुनाव टाला गया, उससे आप पार्षद काफी नाराज हैं