सेली हाइड्रो कंपनी और विवाद की शुरुआत
National news: हिमाचल प्रदेश सरकार ने साल 2009 में सेली हाइड्रो कंपनी को 320 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट उपलब्ध कराया था यह प्रोजेक्ट लाहौल-स्पीति जिले में लगना था लेकिन तकनीकी और विकास संबंधी चुनौतियों के कारण प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो सका इस दौरान कंपनी ने सरकार को 64 करोड़ रुपये का फ्रंट प्रीमियम जमा कराया जिसे योजना समाप्त होने के बावजूद सरकार ने वापस नहीं किया
हाईकोर्ट का फैसला और कुर्की के आदेश
कंपनी ने हिमाचल सरकार के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार को 64 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया। सरकार द्वारा आदेश का पालन ना करने पर हाईकोर्ट ने दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए हिमाचल भवन जो मंडी हाउस के पास स्थित है !
राजनीतिक माहौल गर्माया
हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है विपक्षी दल बीजेपी ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को घेरना शुरू कर दिया है बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस सरकार की लापरवाही के कारण राज्य की संपत्ति कुर्क हो रही है जो हिमाचल के लिए शर्मनाक है।यह मामला न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी अहम हो गया है। सरकार पर दबाव है कि वह न केवल हाईकोर्ट के आदेश का पालन करे बल्कि जनता को विश्वास दिलाए कि इस तरह की स्थिति दोबारा उत्पन्न नहीं होगी ऑपोजिट पार्टी भी इस मामले को अगले चुनावों में बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
हिमाचल सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई ठोस बयान नहीं दिया है लेकिन कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने की योजना बना रह है। इसके साथ ही सरकार इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास कर रही है ताकि राज्य की प्रतिष्ठा को ठेस न पहुंचे।