Delhi pollution: दिल्ली और एनसीआर की जहरीली हवा ने जीवन मुश्किल कर दिया है। गुरुवार सुबह औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 384 दर्ज हुआ, जबकि बवाना, आनंद विहार और अशोक विहार जैसे इलाकों में यह 400 से ऊपर पहुंच गया। बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं और सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दिया गया है। वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार ग्रैप-4 लागू कर चुकी है और अब आर्टिफिशियल बारिश कराने पर विचार हो रहा है। पुलिस ने दिल्ली में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल स्थिति में सुधार की उम्मीद कम है।
खतरनाक स्तर पर प्रदूषण
दिल्ली में हवा जहरीली (Delhi pollution) बनी हुई है, जिससे लोग सांस लेने में परेशानी महसूस कर रहे हैं। सुबह और शाम को धुंध की चादर छाई रहती है, जो वायु प्रदूषण की गंभीरता को दर्शाती है। आनंद विहार (409), अशोक विहार (418), बवाना (423), जहांगीरपुरी (439) और पंजाबी बाग (411) जैसे इलाकों में AQI 400 से ऊपर दर्ज हुआ। पूरे एनसीआर में भी हवा की स्थिति खतरनाक बनी हुई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की धीमी गति के कारण अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण के स्तर में सुधार की संभावना नहीं है।
पटाखों पर सख्ती
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कड़े कदम (Delhi pollution) उठाए हैं। पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पहले ही 1 जनवरी 2024 तक प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब पुलिस ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देश जारी कर ऑनलाइन पटाखों की बिक्री बंद करने को कहा है। अपराध शाखा ने 19 नवंबर को इन प्लेटफॉर्म्स को ई-मेल के जरिए नोटिस दिया, ताकि प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जा सके।
ग्रैप-4, आर्टिफिशियल बारिश की योजना
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत ग्रैप-4 लागू कर दिया है। इसके तहत प्रदूषणकारी गतिविधियों पर सख्ती की जा रही है। साथ ही, आर्टिफिशियल बारिश कराने की संभावना पर भी चर्चा हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन यह अस्थायी समाधान है।
खराब वायु गुणवत्ता के कारण बच्चे और बुजुर्ग खासतौर पर प्रभावित हो रहे हैं। स्कूल-कॉलेज बंद होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। लोग मास्क और एयर प्यूरीफायर का सहारा ले रहे हैं, लेकिन प्रदूषण से निजात पाने में यह नाकाफी साबित हो रहा है।