कानपुर ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में साइको किलर ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया था। पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को गुमराह किया। आखिरकार जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो कातिल ने पूरी सच्चाई बयां कर दी। शातिर का कानपुर की एक युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। उसी के कहने पर उसने अपनी पूरी बगिया को उजाड़ दिया। इटावा पुलिस ने आरोपी की माशुका को सविल लाइन थाना क्षेत्र के आंबेडकर चौराहा पुल के नीचे से गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, इटावा के मोहल्ला लालपुरा में कारोबारी मुकेश अपनी पत्नी रेखा वर्मा, बेटी भव्या, काव्या और बेटे अभीष्ट के साथ रहता था। 11 नवंबर को मुकेश ने पत्नी और तीनों बच्चों को नींद गोलियां खिलाकर पहले अर्ध बेहोशी हालत में पहुंचा दिया था। इसके बाद भोर पहर लगभग चार से पांच बजे के बीच गला घोंटकर हत्या कर दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी घर से भागकर रेलवे ट्रैक पर पहुंचा। जहां जीआरपी ने उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी ने हत्याकांड की बात कबूल कर ली। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने डिप्रेशन में आकर घटना को अंजाम दिया और खुद सुसाइड के लिए रेलवे ट्रैक पर लेट गया, जहां जीआरपी ने उसे पकड़ लिया।
पुलिस के हाथ लगा सबूत
आरोपी ने पुलिस को अपनी बातों पर गुमराह किया। पुलिस ने जांच पड़ताल जारी रखी। तभी पुलिस को जानकारी मिली कि मुकेश के संबंध कानपुर की रहने वाली एक युवती से हैं। हत्यारोपी मुकेश ने महिला को कानपुर में सराफा की दुकान खुलवाई थी, और उसी के साथ ज्यादा समय गुजारने लगा था। मुकेश के परिवार ने इस बात का विरोध किया, तो उसने अपनी पत्नी व दो बेटियों और बेटे की हत्या कर दी थी। उसके बाद उसने आत्महत्या की साजिश रची, लेकिन उसका झूठ पकड़ा गया और पूरे मामले का खुलासा हो गया।
कानपुर में किराए के घर पर रहती थी स्वाती
कोतवाली प्रभारी विक्रम सिंह चौहान ने बताया कि जांच पता चला कि मुकेश की जालौन जिले के थाना उरई के गणेशजी मोहल्ला निवासी स्वाती सोनी नाम की महिला से अवैध संबंध हैं। स्वाती, मुकेश की पहली पत्नी की रिश्तेदार है। वह कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र के सी-ब्लाक विश्व बैंक, मकान नंबर-216 में किराये पर रहती है। हत्याकांड वाले दिन स्वाती शताब्दी ट्रेन से इटावा आई थी। आरोपी मुकेश उसे स्टेशन से लेने गया था जिसके बाद वह उसे बस स्टैंड से कानपुर के लिए रोडवेज बस में छोड़ आया था।
किराने की दुकान चलाती थी स्वाती
मुकेश ने स्वाती को कानपुर के खाड़ेपुर में सराफा की दुकान कराई थी। प्रेमिका को सराफा की दुकान खुलवाने से मुकेश के परिवार वाले विरोध करने लगे थे। इसी के बाद मुकेश ने माशुका के साथ मिलकर पूरे परिवार को खत्म करने का प्लान बनाया। पुलिस की पड़ताल में पता चला है कि 10 नवंबर की रात दो बजे से स्वाती मुकेश से फोन पर बात कर रही थी। 11 नवंबर की सुबह अपने छोटे बेटे डुग्गू के साथ शताब्दी ट्रेन से इटावा पहुंची, साढ़े आठ बजे मुकेश स्कूटी से उसे स्टेशन से लेने पहुंचा था।
दोनों ने मिलकर हत्याकांड की रची साजिश
पुलिस की जांच में सामने आया है कि स्वाती और मुकेश ने हत्याकांड की साजिश रची। मुकेश ने फिर पत्नी व तीन बच्चों को मर्डर कर दिया। वारदात के बाद से स्वाती फरार चल रही थी। हत्यारोपी मुकेश की माशूका बुधवार दोपहर करीब एक बजे कोर्ट में किसी अधिवक्ता से चोरी छिपे मिलने पहुंची थी। पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो कोर्ट के बाहर सादे पकड़े पर जवान तैनात कर दिए गए। जैसे ही स्वाती कोर्ट के बाहर पहुंची, तत्काल उसे दबोच लिया गया। पूछताछ के बाद पुलिस ने स्वाती को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया।