Uttar Pradesh: समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) को शनिवार को बड़ी राहत मिली, जब गाजीपुर की सीजेएम कोर्ट ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। उन पर सरकारी काम में बाधा डालने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप था। यह मामला 9 अगस्त 2001 का है जब समाजवादी पार्टी (Uttar Pradesh) के प्रदेश बंद के दौरान मोहम्मदाबाद के तत्कालीन विधायक और वर्तमान गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने लगभग 4,000 लोगों के साथ तहसील तक जुलूस निकाला।
अफजाल अंसारी पर क्या था आरोप?
उस दौरान मोहम्मदाबाद एसडीएम के कार्यालय पर प्रदर्शन और नारेबाजी हुई। आरोप था कि प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम कार्यालय में घुसकर हंगामा और तोड़फोड़ की। घटना के बाद मोहम्मदाबाद कोतवाली में अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने जांच के बाद इन सभी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वप्न आनंद की अदालत में इस मामले की सुनवाई हो रही थी।
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सुबूतों की कमी के कारण हुए बरी
30 नवंबर को अदालत ने सुबूतों की कमी को देखते हुए अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) और अन्य आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया। फैसले के समय अफजाल अंसारी अपने वकीलों और सहयोगियों के साथ अदालत में मौजूद थे। फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अफजाल अंसारी ने न्यायपालिका पर भरोसा जताया और इसे सत्य की जीत बताया। गौरतलब है कि 2019 में अफजाल अंसारी बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद बने थे जबकि इस बार उन्होंने सपा के टिकट से चुनाव जीता।
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