लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। नवंबर के महिने ने 123 साल के गर्मी के रिकार्ड तोड़ दिए। कुछ यही हालात दिसंबर भी बने। सर्दी नहीं पड़ने से किसान परेशान थे। कारोबारियों के चेहरों से मुस्कान दूर थी। पर एकाएक मौसम ने करवट बदला और कड़के की ठंड का आगाज हो गया। पारा भी लुड़क के नीचे पहुंचा तो एसी, पंखे और कूलर पैक हो गए। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि पाकिस्तान में पश्चिमी विक्षोभ के असर के चलते यूपी के अलावा देश के दूसरे राज्यों में मौसम ने अचानक करवट बदला। बादलों की आवाजाही शुरू हो गई। कई जिलों में कड़के की ठंड के साथ ही शीतलहर का कहर देखने को मिला। आने वाले दिनों में बारिश का भी अनुमान है।
पश्चिमी विक्षोभ ने दी दस्तक
बम-बारूद की फसल उगाने वाले पाकिस्तान से पश्चिमी विक्षोभ नाम की मेडिसिन चलकर भारत के अंदर दाखिल हुई। जिसके कारण यूपी के अलावा देश के अन्य राज्यों में मौसम बदल गया। पश्चिमी विक्षोभ के चलते रविवार को दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई। कुछ ऐसा ही हाल यूपी में भी दिखा। लखनऊ-कानपुर में चक्रवाती हवाओं के घेरे ने रात में ठंडक बढ़ा दी। रात का न्यूनतम पारा लुढ़क कर 7.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। यह तापमान सामान्य औसत से 1.5 डिग्री कम है। 48 घंटे में माहौल में नमी 32 फीसदी बढ़ गई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अब ठंडक में इजाफा होता रहेगा। यूपी के कुछ जिलों में शीतलहर ने दस्तक दे दी है। जिससे ठिठुरन बढ़ेगा। किसानों को फाएउा होगा। ऊनल कारोबारियों के भी चेहरों में मुस्कान आएगी।
नवंबर में गर्मी ने तोड़े रिकार्ड
नवंबर 2024 के महिने में देश के अधिकार क्षेत्रों अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। यूपी में नवंबर वाली गर्मी ने 103 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। देश में 123 साल नवंबर का महिना गर्म रहा। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि इसके पीछे की कहानी पंजाब से पाकिस्तान तक बने हुए एयरशेड ने ठंडी हवाओं को रोक रखा था। इस बार पश्चिमी विक्षोभ न बनने के कारण हिमालय, पाकिस्तान के हिंदू कुश पर्वतों के साथ मिलकर ठंडी मध्य एशियाई हवाओं को आने से रोके हुए था। सके अलावा गहराते प्रदूषण के कारण पंजाब से लेकर पाकिस्तान तक एक एयरशेड बन चुका था, जो पश्चिमी विक्षोभ में व्यवधान डालने के साथ-साथ ठंडी हवाओं को उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत की ओर आने से रोके हुए था।
ठंड के साथ शीतलहर का अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक 7 दिसंबर के बाद पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के रास्ते भारत में दाखिल हुआ और जिसका असर भी देखने को मिला। यूपी, दिल्ली, एनसीआर के अलावा दूसरे राज्यों में ठंड ने दस्तक की। कुछ इकालों में बारिश भी हुई। अब हालात और बेहतर हुए हैं। यूपी में ठिठुरन भरी ठंड दस्तक दे चुकी है। यूपी के ज्यादातर इलाकों में बुधवार को दिन में भी सर्द हवाएं चलीं। इस साल अक्तूबर के बाद ऐसा पहली बार है जब बुधवार को पश्चिमी जिलों समेत प्रदेश के अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चला गया। बृहस्पतिवार के लिए मौसम विभाग ने 25 से ज्यादा जिलों में शीतलहर चलने का अलर्ट जारी किया है। वहीं तराई में कोहरे का अलर्ट है। यूपी में शीतलहर के अगले पांच दिन तक चलने के आसार हैं।
कानपुर में ठिठुरन वाली सर्दी का आगाज
कानपुर-लखनऊ में ठिठुरन वाली सर्दी का आगाज हो चुका है। यहां बुधवार को दिन में भी गुनगुनी धूप के सर्द हवाएं चलीं। देर शाम तक गलन भरी हवा के असर से लोग ठिठुरते नजर आए। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल अक्तूबर के बाद ऐसा पहली बार है जब बुधवार को लखनऊ में न्यूनतम तापमान सामान्य से 3.6 डिग्री नीचे चला गया। शीतलहर के अगले पांच दिन तक चलने के आसार हैं। सर्द हवाओं के बीच बुधवार को उरई में सर्वाधिक 29 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा। वहीं वाराणसी में अधिकतम तापमान 26.8 डिग्री और प्रयागराज में 25.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। न्यूनतम तापमान की बात करें अयोध्या में सबसे कम 4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। बुलंदशहर में 5 डिग्री और बरेली में 5.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।
पारे में 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पिछले पांच दिनों में प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में न्यूनतम पारे में पांच डिग्री तक की गिरावट देखने को मिली है। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के प्रभाव व पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी और पहाड़ी इलाकों से आ रही ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाओं के असर से मौसम में बदलाव आया है। अगले कुछ दिनों में तापमान में अभी और गिरावट के आसार हैं। पिछले एक हफ्ते में लखनऊ के न्यूनतम पारे में पांच से छह डिग्री तक की गिरावट देखने को मिली है। बीते बृहस्पतिवार को लखनऊ में न्यूनतम तापमान 12.2 डिग्री दर्ज किया गया था। बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 0.1 डिग्री की गिरावट के साथ 24.1 डिग्री और रात का न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री की गिरावट के साथ 6.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कानपुर मंडल में पड़ेगी कड़ाके की ठंड
सीएसएस कानपुर के मौसम विज्ञानियों ने बताया कि, पश्चिमी विक्षोभ की दस्तक के बाद दिन का तापमान में गिरावट आई है। इसके साथ ही जेट स्ट्रीम भी नीचे आ गईं। ये समुद्री हवाएं प्रशांत महासागर की नमी लेकर आएंगी। इस समय माहौल में दो तरफ से नमी आ रही है। एक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती घेरे और दूसरे जम्मू-कश्मीर में रुके पश्चिमी विक्षोभ के चक्रवाती क्षेत्र से। आने वाले दिनों मेंयूपी के कुछ जनपदों में हल्की बारिश भी हो सकती है। शीतलहर का भी कानपुर मंडल के लोगों को सामना करना पड़ सकता हे। सीएसए के मौसम विभाग का अनुमान है कि उत्तर पश्चिमी हवाओं की निरंतरता बनी रही तो शुक्रवार से ठंड में और इजाफा हो जाएगा। नहरों, नदियों और जलभराव वाले स्थानों पर कोहरे का घनत्व बढ़ेगा।
धूंध छठी और दृश्यता सामान्य रही
सीएसए के मौसम विभाग के तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि इस समय उत्तर पश्चिमी हवाएं लगभग पांच किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बह रही हैं। हवाओं में तेजी रहने से धुंध छंट गई है। इससे दृश्यता लगभग सामान्य रही है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि इस वक्त उत्तर पश्चिमी सर्द हवाएं चल रही हैं। बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बन रहा है लेकिन उसका असर कानपुर परिक्षेत्र पर अधिक नहीं आएगा। इसके प्रभाव से हल्के और ऊंचे बादल आ सकते हैं। इससे भी ठंड बढ़ेगी। हवाओं की निरंतरत ठंड बढ़ाती रहेगी। बादलों की आवाजाही से पारा में एक-दो डिग्री का उतार-चढ़ाव रहेगा। उन्होंने कहा कि यह मौसम फसलों के विकास के लिए मुफीद है। किसान हल्की सिंचाई करके खेतों में नहीं बनाए रखें।