Supreme Court: बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में पूजा स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई शुरू हुई। मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई तक मंदिरों और मस्जिदों से संबंधित किसी भी नए मुकदमे को दर्ज नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से लंबित याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने को कहा। इसके साथ ही, सीजेआई ने यह सवाल भी किया कि मथुरा और ज्ञानवापी सहित कुल कितने मुकदमे हैं?
सुनवाई के दौरान कुछ वकीलों ने विभिन्न अदालतों द्वारा सर्वे के आदेशों पर आपत्ति जताई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। एक वकील ने जानकारी दी कि वर्तमान में 10 धार्मिक स्थलों से संबंधित 18 मुकदमे विभिन्न अदालतों में लंबित हैं।
जस्टिस के वी विश्वनाथन ने कहा कि अगर कोई मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तो सिविल कोर्ट उसकी प्रक्रिया के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते। मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करे और सभी पक्ष उसी पर अगले चार सप्ताह में अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करें।
सीजेआई संजीव खन्ना ने सुझाव दिया कि एक पोर्टल या ऐसा प्रबंध किया जाए, जहां सभी उत्तरों को देखा जा सके। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने प्रस्ताव दिया कि इसके लिए एक गूगल ड्राइव लिंक बनाया जा सकता है।