उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) (UP DL RC rules) के लिए परिवहन विभाग पुराने नियमों की ओर लौटने की योजना बना रहा है। 2013 में स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस को सुरक्षा की दृष्टि से लागू किया गया था, ताकि फर्जीवाड़े पर काबू पाया जा सके। लेकिन अब विभागीय अधिकारी स्मार्ट कार्ड सिस्टम को बदलने का विचार कर रहे हैं। इसके तहत स्मार्ट कार्ड की बजाय लैमिनेटेड कार्ड और RC में PVC कार्ड देने की तैयारी है। यह बदलाव फर्जीवाड़े से बचने के लिए किये जा रहे कदमों में एक और बदलाव हो सकता है, जबकि दूसरे राज्यों में स्मार्ट कार्ड के द्वारा RC जारी की जा रही है।
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स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस की शुरुआत 2013 में सिक्योरिटी के मद्देनजर हुई थी। इस कार्ड में चिप होती है, जिससे इसे फर्जी तरीके से बनाना असंभव हो जाता है। इस कदम से विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी धोखाधड़ी पर काफी हद तक (UP DL RC rules) अंकुश लगाया। विभाग ने इस प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए वाहन स्वामियों को स्मार्ट कार्ड आरसी देने का भी विचार किया था, लेकिन यह योजना अभी तक आगे नहीं बढ़ी। अब, विभाग फिर से पुराने ढर्रे पर लौटने की तैयारी कर रहा है, जिसमें बिना चिप के लैमिनेटेड कार्ड जारी किए जाएंगे।
दूसरी ओर, कुछ राज्य स्मार्ट कार्ड आधारित आरसी का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में अब इस योजना पर ब्रेक लग सकता है। प्रदेश के परिवहन विभाग के अफसरों का मानना है कि स्मार्ट कार्ड आरसी की बजाय PVC कार्ड आरसी जारी करना अधिक उपयुक्त होगा। यह कार्ड सिक्योरिटी से संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकता है, और QR कोड से लैस होने के कारण इस पर फर्जीवाड़ा होने की संभावना बढ़ सकती है।
सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं, खासकर जब सिक्योरिटी के मामलों में पहले से हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) अनिवार्य की गई है। सवाल उठता है कि यदि सिक्योरिटी को लेकर इतनी गंभीरता है, तो स्मार्ट कार्ड आरसी के बजाय PVC कार्ड क्यों लागू किया जा रहा है? ट्रांसपोर्ट कमिश्नर चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि इस मामले पर एक अहम बैठक 18 दिसंबर को परिवहन मंत्री के साथ होगी, जिसमें अंतिम निर्णय लिया जाएगा।