Religious News: भारत में कई ऐतिहासिक और खूबसूरत मंदिर हैं, जो न केवल प्राचीन हैं बल्कि हिंदू धर्म में भी बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन मंदिरों की भव्यता और आस्था हर दिन अपनी ओर हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कुछ मंदिर ऐसे हैं, जहां जाने के लिए एक खास ड्रेस कोड लागू है। इन ड्रेस कोड का पालन सख्ती से करवाया जाता है चलिए जानते हैं ऐसे ही मंदिरों के बारे में।
गुरुवायुर कृष्ण मंदिर (केरल)
यह प्रसिद्ध मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और केरल में स्थित है। यहां का ड्रेस कोड काफी सख्त है। पुरुषों को केवल पारंपरिक लुंगी पहनकर दर्शन की अनुमति है। वहीं, महिलाओं को साड़ी या पारंपरिक सूट पहनना होता है। वेस्टर्न कपड़े पहनकर यहां प्रवेश की अनुमति नहीं है।
महाबलेश्वर मंदिर (कर्नाटक)
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर कर्नाटक में स्थित है। यहां जींस, पैंट, पायजामा, हैट, कोट, या बरमूडा पहनकर जाने की अनुमति नहीं है। पुरुषों को धोती पहननी होती है, जबकि महिलाएं साड़ी या सूट में ही प्रवेश कर सकती हैं।
घृष्णेश्वर महादेव मंदिर (महाराष्ट्र)
यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। महाराष्ट्र के संभाजी नगर के दौलताबाद क्षेत्र में स्थित इस मंदिर में ड्रेस कोड लागू है। महिलाएं पारंपरिक ड्रेस पहनकर दर्शन करती हैं, जबकि पुरुषों को ऊपर का कपड़ा उतारना अनिवार्य है। यहां बेल्ट, पर्स या अन्य सामान लेकर जाना भी मना है।
महाकालेश्वर मंदिर (मध्य प्रदेश)
उज्जैन में स्थित यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां भी ड्रेस कोड का पालन करना होता है। पुरुषों को धोती-कुर्ता पहनना पड़ता है, और महिलाओं को साड़ी पहनकर ही प्रवेश की अनुमति मिलती है।
तिरुपति बालाजी (आंध्र प्रदेश)
यह मंदिर आंध्र प्रदेश में स्थित है और भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। यहां शॉर्ट्स या टी-शर्ट पहनकर प्रवेश की अनुमति नहीं है। पुरुषों और महिलाओं दोनों को पारंपरिक कपड़े, जैसे धोती, साड़ी, या सूट पहनना पड़ता है।
भारत के इन मंदिरों में ड्रेस कोड आस्था और परंपरा का प्रतीक है। इसका पालन करना हर भक्त की जिम्मेदारी है। जब भी आप इनमें से किसी मंदिर में जाएं, इन नियमों का ध्यान रखें ताकि आपकी यात्रा सुखद और सफल हो।