1. बैटिंग का फ्लॉप प्रदर्शन
टीम इंडिया ने सिडनी टेस्ट और पूरे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में बैटिंग में निराशाजनक प्रदर्शन किया। सिडनी टेस्ट की दोनों पारियों में भारतीय बल्लेबाज 200 रन का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। पहली पारी में टीम इंडिया 185 रन पर ऑल आउट हो गई, जबकि दूसरी पारी में भी केवल 157 रन बन सके। इस खराब बैटिंग प्रदर्शन के कारण भारत सिर्फ 162 रन का ही लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया के सामने रख पाया, जिसे उन्होंने केवल 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया।
2. जसप्रीत बुमराह को चोट लगना
सिडनी टेस्ट में भारत के कप्तान जसप्रीत बुमराह को बनाया गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश वह चोटिल हो गए। बुमराह ने पहली पारी में सिर्फ 10 ओवर डाले और फिर बैक स्पाज्म के कारण मैदान से बाहर हो गए। इसके बाद वह गेंदबाजी के लिए मैदान पर वापस नहीं आ सके। बुमराह की कमी टीम इंडिया को तब महसूस हुई जब ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में रन चेज किया और भारत को उनकी अहम गेंदबाजी की कमी खली।
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3. गलत टीम चयन
सिडनी टेस्ट में टीम इंडिया का चयन भी गलत साबित हुआ। जबकि ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ एक स्पिनर को टीम में जगह दी, भारत ने दो स्पिनर्स को मैदान पर उतारा। पिच की स्थिति को देखते हुए चार तेज गेंदबाजों की जरूरत थी, लेकिन भारत ने केवल तीन तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरने का फैसला किया। इसके अलावा, टीम इंडिया ने स्पिनर ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा को खेलने का निर्णय लिया। अगर चार तेज गेंदबाज होते, तो बुमराह पर दबाव कम होता और शायद वह चोटिल होने से बच सकते थे।