Heart attack in winter season: ठंड का मौसम कई लोगों के लिए राहत का समय होता है, लेकिन हृदय रोगियों के लिए यह अत्यधिक खतरनाक साबित हो सकता है। शीतलहर के बढ़ने के साथ ही हार्ट अटैक के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर 30 से 50 साल की उम्र के लोगों में। मेरठ के एलएआरएम मेडिकल कॉलेज की हृदय रोग ओपीडी में 16 दिसंबर 2024 से 6 जनवरी 2025 तक कुल 4549 मरीज आए, जिनमें से 225 मरीज हार्ट अटैक के थे। पिछले साल इस समय सीमा में 2671 मरीज आए थे, जिनमें से केवल 113 मरीज हार्ट अटैक से प्रभावित थे। ठंड के प्रभाव के साथ ही यह संख्या बढ़ी है, जिससे हृदय रोग विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है।
हार्ट अटैक के बढ़ते मामले और उम्र का असर
मेरठ के एलएआरएम मेडिकल कॉलेज में Heart attack ओपीडी में आई रिपोर्ट के अनुसार, ठंड में हृदयघात के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई है। 30 से 50 साल की उम्र के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इस आयु वर्ग में लगभग 90 प्रतिशत लोग हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाओं का सिकुड़ना और रक्त प्रवाह की गति कम होना हृदय के लिए अत्यधिक तनावपूर्ण हो सकता है। इससे हृदय पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
युवाओं में हार्ट अटैक के लक्षणों के कारण
डॉ. धीरज सोनी, जो मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग विशेषज्ञ हैं, ने बताया कि युवाओं में हार्ट अटैक के लक्षणों के प्रमुख कारणों में धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और तनाव शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, गलत खानपान और मोटापे की समस्या भी हृदय रोगों को बढ़ाने के मुख्य कारण बन रहे हैं। डॉ. सोनी के अनुसार, हृदय रोगों से बचने के लिए रक्तचाप, शुगर और मोटापे पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। साथ ही, धूम्रपान से बचना और मानसिक तनाव कम करना भी जरूरी है।
क्या करें अगर लक्षण दिखें?
Heart attack विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी को सीने में दर्द, घबराहट, पसीना आना और ब्लड प्रेशर कम होने जैसी समस्याएं महसूस हों, तो तुरंत हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। समय पर इलाज से हार्ट अटैक के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि हृदय संबंधी नियमित जांचें कराना भी महत्वपूर्ण है ताकि किसी भी बीमारी का समय रहते पता चल सके।
यहां पढ़ें: Home remedies: दीमक का डर खत्म करने वाली ट्रिक, जिसके बारे में आपने सोचा भी नहीं होगा