Ayodhya Ram Mandir : राम मंदिर के उद्घाटन के बाद, उसकी पहली वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस मौके पर तीन दिवसीय समारोह का आयोजन हुआ है। रामलला के जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद, अयोध्या में एक अद्भुत बदलाव आया है। विकास की गति और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से यह शहर अब धार्मिक पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। यहां का माहौल रामराज्य जैसा प्रतीत होता है, और व्यापारियों से लेकर नागरिकों तक, सभी की खुशी बेमिसाल है।
तीन करोड़ श्रद्धालु और 363 करोड़ दान
राम मंदिर के उद्घाटन के बाद, सिर्फ एक साल में करीब 3.5 करोड़ श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आए हैं। यह संख्या अयोध्या में धार्मिक पर्यटन की बढ़ती मांग को दर्शाती है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, इस एक साल में मंदिर के निर्माण और विकास के लिए 363 करोड़ रुपये से ज्यादा का दान प्राप्त हुआ है, जिसमें 20 किलो सोना और 13 क्विंटल चांदी भी शामिल हैं। यह दान राशि इतनी बड़ी है कि इससे पाकिस्तान जैसे देशों के आर्थिक हालात सुधारे जा सकते थे!
रामपथ और सौर ऊर्जा से रोशन अयोध्या
राम मंदिर के आसपास का क्षेत्र अब भव्य रूप में बदल चुका है। रामपथ, भक्ति पथ, और राम की पैड़ी जैसे प्रोजेक्ट्स ने अयोध्या को एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर में तब्दील कर दिया है। इसके अलावा, अयोध्या का रेलवे स्टेशन भी मंदिर के मॉडल पर बन रहा है, जो शहर को और खूबसूरत बनाएगा। इसके साथ ही, अयोध्या में 20 मेगावाट सौर ऊर्जा प्लांट की स्थापना के बाद, शहर के प्रमुख मार्ग अब सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे हैं।
रियल एस्टेट और पर्यटन में बढ़ोतरी
राम मंदिर के निर्माण के बाद, अयोध्या में रियल एस्टेट की कीमतें 10 गुना बढ़ गई हैं, और निवेशकों का रुझान भी काफी बढ़ा है। पिछले छह महीनों में लगभग 11 करोड़ पर्यटक अयोध्या पहुंचे हैं, जिससे होटल, रेस्टोरेंट और अन्य व्यवसायियों को अच्छा खासा फायदा हुआ है।
नए बदलावों का दौर
राम मंदिर की स्थापना ने अयोध्या में एक नई सामाजिक और आर्थिक हलचल शुरू की है। इस एक साल में मंदिर के निर्माण के साथ साथ, पर्यटकों की बढ़ती संख्या और दान में मिली विशाल राशि ने अयोध्या को एक नई पहचान दी है। यदि यह विकास और सहयोग जारी रहा, तो अयोध्या जल्द ही दुनिया भर में एक प्रमुख धार्मिक और आर्थिक केंद्र बन सकता है।