Maha Kumbh 2025 : 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन शुरू हो गया है। इस विशाल मेले में विश्वभर से श्रद्धालु और साधु-संत पवित्र घाटों पर डुबकी लगाने पहुंचते हैं। इस बार भी महाकुंभ में करोड़ों लोग शामिल होंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, यह महाकुंभ विशेष महत्व रखता है क्योंकि 144 साल बाद यहां दुर्लभ संयोग बन रहा है। ऐसे में इस दौरान स्नान और दान करने से कई गुना अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।
यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है, जिसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है, और यही इसे विशेष बनाता है। अगर आप भी इस महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं, तो इन पवित्र घाटों पर स्नान करना न भूलें। मान्यता है कि इन घाटों पर स्नान करने से पापों का नाश होता है, घर में सुख-शांति का वास होता है और ग्रह दोष भी दूर होते हैं।
संगम घाट
संगम घाट महाकुंभ का सबसे प्रमुख और पवित्र घाट है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं। मान्यता है कि इस घाट पर स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
केदार घाट
केदार घाट भगवान शिव को समर्पित है, जहां भक्त शिव की पूजा करने के लिए स्नान करते हैं। इस घाट का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय होता है और शिवभक्तों की भीड़ इसे और भी खास बनाती है।
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हांडी फोड़ घाट
हांडी फोड़ घाट प्रयागराज के प्राचीन घाटों में से एक है, जो खासतौर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की शांतिपूर्ण लहरें और खूबसूरत दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
दशाश्वमेध घाट
दशाश्वमेध घाट का नाम सुनते ही पौराणिक कथाएं याद आ जाती हैं। कहा जाता है कि यहां भगवान ब्रह्मा ने 10 अश्वमेध यज्ञ किए थे, जिसके कारण इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। महाकुंभ के दौरान यहां गंगा आरती और पूजा का आयोजन होता है, जो एक अद्भुत अनुभव होता है।