Mauni Amavasya News: उत्तर प्रदेश में शताब्दी के पूर्ण महाकुंभ का आयोजन इस साल प्रयागराज के त्रिवेणी तट पर हो रहा है। महाकुंभ का महत्व इस साल विशेष रूप से बढ़ गया है क्योंकि यह 144 साल बाद आयोजित हो रहा है। 29 जनवरी 2025 को होने वाले दूसरे शाही स्नान के अवसर पर, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है। संगठन का कहना है कि स्कूलों में छुट्टी न होने पर सनातनी इस खास मौके पर स्नान के लाभ से वंचित रह सकते हैं।
महाकुंभ के इस पवित्र आयोजन में लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं, और इसका धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व अत्यधिक है। पिछले साल 13 जनवरी को पहले शाही स्नान के दौरान प्रदेश सरकार ने गजेटेड हॉलिडे की घोषणा की थी, जिससे हर कोई इस आयोजन (Mauni Amavasya) में भाग ले सका था। अब शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि 29 जनवरी को Mauni Amavasya के दिन होने वाले दूसरे शाही स्नान पर भी सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।
संगठन के अध्यक्ष विनय सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि इस बार का महाकुंभ खास है क्योंकि यह 144 साल बाद पूर्ण महाकुंभ के रूप में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शाही स्नान के लिए धार्मिक श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन स्कूलों में छुट्टी न होने की वजह से लाखों शिक्षक और विद्यार्थी इस अवसर से वंचित रह सकते हैं।
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विनय सिंह ने आगे कहा कि 14 जनवरी को बेसिक स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां समाप्त हो चुकी हैं, और 25 जनवरी से फाइनल परीक्षा भी शुरू होने वाली है। ऐसे में, शाही स्नान के तिथियों पर स्कूल खुले रहने से शिक्षक और विद्यार्थी दोनों ही इस खास अवसर पर स्नान करने के लिए प्रयागराज नहीं जा पाएंगे।
इसलिए संगठन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दूसरे शाही स्नान के अवसर पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। इससे प्रदेश के सनातनी इस महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर का लाभ उठा सकेंगे और उनका आस्था के प्रति समर्पण भी कायम रहेगा।