Gorakhpur news: योगी सरकार गोरखपुर में एक नए शहर की स्थापना की योजना पर काम कर रही है। इस परियोजना के तहत गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) लगभग 6 हजार एकड़ जमीन अधिग्रहित करेगा, जिसमें 25 गांव शामिल हैं। इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए 3 हजार करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जिसमें से 400 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। लेकिन, किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं और बैठकों व जनसुनवाई के दौरान जोरदार आपत्ति दर्ज कर रहे हैं। विरोध में महिलाओं और बच्चों की भागीदारी भी देखी जा रही है। किसानों की मुख्य मांग है कि उनकी जमीन का मुआवजा बाजार दर पर दिया जाए और नई सर्किल दरें तय की जाएं।
परियोजना का दायरा
यह परियोजना मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत शुरू हुई है। Gorakhpur-कुशीनगर रोड पर स्थित चौरी चौरा तहसील के माड़ा पार में 152 हेक्टेयर, तकिया मेदनीपुर में 45 हेक्टेयर, और कोनी में 57 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। GDA किसानों से बातचीत के आधार पर सहमति बनाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, किसान अपनी कृषि भूमि देने से इंकार कर रहे हैं।
Gorakhpur पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुंवर प्रताप सिंह के नेतृत्व में किसानों ने अपनी मांगें GDA के सामने रखी हैं। किसानों का कहना है कि 2016 के सर्किल रेट के चार गुना मुआवजे पर सहमति होनी चाहिए। वहीं, GDA का कहना है कि मुआवजे के लिए शासन को अतिरिक्त धनराशि की मांग भेजी गई है।
किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों ने मुआवजे के लिए नई सर्किल दरें तय करने और उसके अनुसार भुगतान की मांग की है। विरोध कर रहे किसानों में हीरालाल, सुदामा निषाद, संजय जायसवाल, और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं। वहीं, GDA का कहना है कि अब तक 150 किसानों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जबकि हजारों किसान अभी भी जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया में हैं। प्रति हेक्टेयर 3 करोड़ 35 लाख 70 हजार रुपये का मुआवजा तय किया गया है।
जैसे-जैसे किसानों की रजिस्ट्री होती जाएगी, परियोजना के लिए धनराशि की आवश्यकता भी बढ़ेगी। GDA किसानों की सहमति प्राप्त करने और विवाद कम करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। वहीं, किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं। यदि यह विवाद सुलझता है, तो गोरखपुर में न्यू नोएडा जैसा एक आधुनिक शहर आकार ले सकेगा।