Oscar nominated: ऐसी सोच पर सवाल उठाती है अनुजा, एक शॉर्ट फिल्म, जो अब ऑस्कर की दौड़ में है। इसमें अनुजा और उसकी बहन पलक दिल्ली की एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करती हैं। दोनों बहनें अंधेरे कमरे में टॉर्च की रौशनी में ‘वर-वधु’ वाले विज्ञापन पढ़ते हुए हंसी मजाक करती हैं और समाज की सोच पर कटाक्ष करती हैं।
फिल्म की कहानी
23 मिनट की यह शॉर्ट फिल्म दो बहनों की जिंदगी की कहानी को गहराई से दिखाती है। अनुजा का किरदार सजदा पठान और पलक का किरदार अनन्या ने निभाया है। सजदा सलाम बालक ट्रस्ट में रहती हैं, जो बच्चों की शिक्षा और विकास के लिए काम करता है। कहानी में बहनों की मुश्किलें, सपने, और समाज के ताने दिखाए गए हैं। अनुजा को एक स्कूल में पढ़ने का मौका मिलता है, और फिल्म दिखाती है कि कैसे दोनों बहनें इस मौके का फायदा उठाकर अपनी जिंदगी बदलने का फैसला करती हैं।
डायरेक्टर और प्रोड्यूसर्स
इस फिल्म के लेखक और डायरेक्टर एडम जे. ग्रेव्स हैं, जो बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से संस्कृत पढ़ चुके हैं। उनकी पत्नी सुचित्रा मत्तई इस फिल्म की प्रोड्यूसर हैं। प्रियंका चोपड़ा जोनास ने इसे एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूस किया है, और गुनीत मोंगा, जो पहले भी द एलीफेंट व्हिस्परर्स जैसी ऑस्कर विजेता फिल्म बना चुकी हैं, इसमें प्रोड्यूसर हैं।
ऑस्कर तक का सफर
ऑस्कर तक पहुंचने की राह आसान नहीं होती। सबसे पहले, फिल्म को वोटिंग के जरिए अलग अलग कैटेगरीज में शॉर्टलिस्ट किया जाता है। फिर इसे ऑस्कर के 10,000 से ज्यादा सदस्यों को दिखाया जाता है। फिल्म की मार्केटिंग और प्रमोशन पर खास ध्यान दिया जाता है।
भारत और ऑस्कर
1957 में मदर इंडिया पहली भारतीय फिल्म बनी, जो ऑस्कर की टॉप 5 फिल्मों में शामिल हुई। 1983 में भानू अथैया ने गांधी फिल्म के लिए ‘बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइन’ का ऑस्कर जीता। 2009 में स्लमडॉग मिलियनेयर ने कई अवॉर्ड्स जीते। 2023 में आरआरआर के गाने नाटू-नाटू और द एलीफेंट व्हिस्परर्स ने भी भारत को गर्व महसूस कराया।
अनुजा का संदेश
अनुजा एक प्रेरणादायक फिल्म है, जो लड़कियों के सपनों, उनकी चुनौतियों और समाज की सोच को बदलने की जरूरत पर जोर देती है। यह फिल्म न सिर्फ दिल छूती है, बल्कि हमें सोचने पर मजबूर करती है कि बदलाव जरूरी है।