Maha kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने संगम क्षेत्र की व्यवस्था को कड़ी कर दी है। महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या से एक दिन पहले ही मेला क्षेत्र श्रद्धालुओं से खचाखच भर चुका है। शहर की सड़कों पर रेला लगा है और होटल, लॉज और धर्मशालाएं भी पहले ही फुल हो चुकी हैं। मेला क्षेत्र में भीड़ की संख्या बढ़ने के कारण मेला विकास प्राधिकरण ने सोमवार को सभी पांटून पुलों को बंद कर दिया था। वर्तमान में, 30 पीपा पुलों में से केवल 3 ही खोले गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं में आक्रोश फैल गया है। वे 8 से 10 किमी पैदल चलकर संगम पहुंचे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें लौटने को कह दिया।
#WATCH | Prayagraj | Devotees continue to arrive at Maha Kumbh Mela Kshetra ahead of the second Amrit Snan of #MahaKumbh2025, tomorrow – 29th January on Mauni Amavasya
Over 15 crore devotees have taken holy dip so far at the world's biggest religious congregation that began on… pic.twitter.com/7aJEhyIc6X
— ANI (@ANI) January 28, 2025
पीपा पुलों की बंदी से बढ़ा आक्रोश
Maha kumbh प्रशासन ने संगम नोज पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए 30 पीपा पुलों में से सिर्फ 3 को खोलने का निर्णय लिया। झूंसी से संगम और झूंसी से अरैल साइड जाने के लिए केवल 15, 16 और 27 नंबर के पुल ही खोले गए हैं। इससे लाखों श्रद्धालु संगम न पहुंचने से नाराज हैं। रविवार को पीपा पुल नंबर 7 पर जब श्रद्धालुओं को जाने से रोका गया, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा और एसडीएम की गाड़ी पर हमला कर दिया। सोशल मीडिया पर श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच हुई झड़पों के वीडियो वायरल हो रहे हैं।
अव्यवस्था सिर्फ़ श्रद्धालुओं को ही नहीं महाकुंभ प्रशासन और प्रबंधन में दिनरात लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को भी थका रही है। उप्र की सरकार से सविनय निवेदन है कि हमारे अनुरोध को आलोचना न समझे बल्कि आस्थापूर्ण आग्रह मानते हुए तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास… pic.twitter.com/kbiLE4wZWx
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 27, 2025
सीएम से वीआईपी ट्रीटमेंट पर सवाल
इस बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंह ने भी पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्हें सोमवार को परिचय देने के बावजूद पुलिस ने परेड ग्राउंड से अंदर नहीं जाने दिया, जिससे उनका गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि वीआईपी ट्रीटमेंट के कारण मेला की भव्यता प्रभावित हो रही है। उन्होंने सीएम से मांग की कि इस व्यवस्था को तुरंत बदलना चाहिए।
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‘सभी श्रद्धालुओं को संगम नहीं नहलाया जा सकता’
Maha kumbh नगर के एसएसपी राजेश द्विवेदी ने इस पर सफाई दी कि श्रद्धालुओं का संगम पर दबाव कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उनका कहना है कि प्रशासन का उद्देश्य यह है कि श्रद्धालु अपने-अपने शिविरों में आराम से जा सकें और संगम पर भीड़ का दबाव न बढ़े। उन्होंने कहा कि सभी 10 करोड़ श्रद्धालुओं को संगम में स्नान कराने का लक्ष्य नहीं हो सकता, और इसीलिए पांटून पुलों को बंद किया गया है।