Indian Army Rank: भारतीय सेना के बारे में तो हर कोई जनता है।मेजर कर्नल का नाम अक्सर सुना होगा पर क्या ये जानते है कि इनमें से बड़ा कौन होता है ,और इनकी रैंक के हिसाब से जिम्मेदारी क्या होती है। भारतीय सेना में हर रैंक के साथ जिम्मेदारी और कर्तव्य बढ़ते जाते हैं, और ये रैंक सैनिकों को न केवल अनुशासन, बल्कि कमान की शक्ति भी देती हैं।
कर्नल मेजर से बड़ी रैंक होती भी है।
मेजर वो रैंक है जो एक छोटी यूनिट या कंपनी का नेतृत्व करता है। यह एक अहम जिम्मेदारी होती है, लेकिन कर्नल से नीचे।
कर्नल एक और बड़ी रैंक है, जो बटालियन या बड़ी यूनिट का नेतृत्व करती है। कर्नल को सेना की रणनीति और सैनिकों का सही तरीके से प्रबंधन करने का काम सौंपा जाता है।
सैनिक से हवलदार तक का सफर
सैनिक से लेकर हवलदार तक की रैंक में सैनिकों को छोटे समूहों का नेतृत्व करने का मौका मिलता है। यह वह समय होता है जब सैनिक अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित करते हैं और टीम की जिम्मेदारी संभालने की तैयारी करते हैं। हवलदार के रूप में, उन्हें एक छोटे दल को लीड करने का मौका मिलता है, जो उनकी बढ़ती जिम्मेदारी और अनुभव को दर्शाता है।
आधिकारिक अधिकारी रैंक
जब सैनिकों को आधिकारिक अधिकारी रैंक मिलती है, जैसे कर्नल या जनरल, तो वे बड़ी जिम्मेदारियों को निभाते हैं। इन अधिकारियों को सरकार की तरफ से सेना की बड़े स्तर पर कमांड करने और रणनीति बनाने का कार्य सौंपा जाता है। कर्नल और जनरल बड़े यूनिट्स का नेतृत्व करते हैं और सेना की पूरी योजना तैयार करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
फील्ड मार्शल
फील्ड मार्शल भारतीय सेना की सबसे ऊंची रैंक है, और इसे केवल कुछ ही जनरलों को दिया जाता है। यह रैंक उन अधिकारियों को दी जाती है जिन्होंने युद्ध में अपार साहस और उत्कृष्टता दिखाई हो। जैसे सैम मानेकशॉ और के.एम. करियप्पा, जो इस सर्वोच्च सम्मान के पात्र बने थे। यह रैंक भारतीय सेना में सम्मान और परफॉर्मेंस का सबसे बड़ा प्रतीक मानी जाती है।