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Death anniversary शहीद दिवस, हे राम जिनके थे अंतिम शब्द, अहिंसा और शांति के पुजारी ‘महात्मा गांधी की पुण्यतिथि

शहीद दिवस 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या और उनकी स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका की याद में मनाया जाता है। गांधीजी का सफर शर्मीले बच्चे से वैश्विक नेता तक, उनकी अहिंसा की नीति और उनके द्वारा प्रेरित वैश्विक आंदोलनों की विरासत आज भी याद की जाती है।

SYED BUSHRA by SYED BUSHRA
January 30, 2025
in राष्ट्रीय
Mahatma Gandhi and Martyrs Da
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 Mahatma Gandhi and Martyrs Day : शहीद दिवस, या शहीद दीवस हर साल 30 जनवरी को उन लोगों की कुर्बानियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपनी जान दी। इस दिन महात्मा गांधी की मृत्यु की याद दिलाई जाती है, जिन्हें 1948 में नाथूराम गोडसे ने उनके शाम की प्रार्थना के दौरान हत्या कर दी थी। गांधीजी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे, जिन्होंने अहिंसा और शांति के साथ स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए आंदोलन किया। उनकी पुण्यतिथि ‘महात्मा गांधी पुण्यतिथि’ के रूप में पूरे देश में मनाई जाती है।

बचपन में शर्मीले

गांधीजी बचपन में बहुत शर्मीले थे। उन्हें सार्वजनिक बोलने का इतना डर था कि वे भीड़ से बचने के लिए स्कूल भी छोड़ दिया करते थे। लेकिन समय के साथ, उन्होंने इस डर को पार किया और विश्वभर में एक शक्तिशाली वक्ता बने।

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चिंतन के लिए मौन

गांधीजी हर सोमवार को मौन रखते थे। यह उनका व्यक्तिगत अनुशासन था जिससे वे अपने आप को फिर से जोड़ने और अपने कार्यों पर चिंतन करने के लिए समय निकालते थे।

Nobel पुरस्कार का न मिलना

गांधीजी को 1937 से 1948 के बीच पांच बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन वे कभी यह पुरस्कार प्राप्त नहीं कर पाए।

फुटबॉल के प्रति रुचि

गांधीजी को फुटबॉल का बहुत शौक था। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में दो फुटबॉल क्लबों की स्थापना की थी, जिनका नाम “पैसिव रेजिस्टर्स” रखा गया था, जो उनके शांति और संघर्ष के सिद्धांत का प्रतीक थे।

महात्मा का खिताब

यह खिताब प्रसिद्ध कवि रवींद्रनाथ ठाकुर ने गांधीजी को दिया था। ‘महात्मा’ का मतलब है ‘महान आत्मा’, जो गांधीजी के सत्य और अहिंसा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

हरिजन और अछूतता

गांधीजी ने ‘हरिजन’ शब्द का प्रयोग अछूतों के लिए किया, जिसका मतलब है ‘ईश्वर के बच्चे’। उनका मानना था कि हर व्यक्ति को सम्मान और समानता मिलनी चाहिए, चाहे उनका जाति या पृष्ठभूमि कुछ भी हो।

वैश्विक प्रभाव

गांधीजी की अहिंसा की नीति ने कई वैश्विक नेताओं को प्रेरित किया, जिनमें मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला और जेम्स लॉसन शामिल हैं। उनका प्रभाव आज भी न्याय और समानता के लिए संघर्षों में देखा जाता है।

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