प्रयागराज ऑनलाइन डेस्क। सदी का सबसे बड़ा महापर्व महाकुंभ 2025 संगमनगरी प्रयागराज में चल रहा है। 13 जनवरी से शुरू हुए मेला में अब तक कुल 30 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई है। एक अनुमान के मुताबिक, तीर्थराज में भक्त पूराने सारे रिकार्ड तोड़ देंगे और गंगा के तट पर करीब 50 करोड़ से अधिक भक्त आ सकते हैं। जिसको लेकर प्रदेश की योगी सरकार ने कई लेयर की सुरक्षा-व्यवस्था के साथ ही आधुनिक व्यवस्थाएं की हुई हैं। हालांकि महाकुंभ के लिए मौनी अमावस्या का दिन काला साबित हुआ। अचानक भगदड़ मच जाने से 30 भक्तों की मौत हो गई, वहीं 60 से अधिक लोग घायल हो गए। मौत का आंकड़ा बढ़ सकता था। घायलों से अस्पताल फुल हो सकते हैं। अगर सीएम योगी आदित्यनाथ के स्पेशल 1000 पुलिस के जवान हाथ खड़े कर लेते। पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। जान की बाजी लगातर पुलिस के जवानों ने श्रद्धालुओं को बचाया।
प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया वह वाकई यूपी की पुलिस
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर प्रयागराज के संगम तट पर मध्य रात्रि से ही करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे थे। मौनी अमावस्या से एक दिन पहले से ही श्रद्धालु संगमनगरी में डेरा जमाना शुरू कर दिया था। इससे घाटों पर भीड़ अनियंत्रित हो गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नोज से कुछ दुरी पर श्रद्धालु लेटे हुए थे। भीड़ के दबाव के चलते भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी। लोग जमीन पर लेटे हुए लोगों को रौंदते हुए आगे बढ़ने लगे। मौके पर मौजूद पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने घटना के बाद जिस तेजी से हालातों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया वह वाकई यूपी की पुलिस फोर्स के प्रोफेशनलिज्म को दर्शा रहा है। उस वक्त मौके पर अधिकारियों के अलावा पुलिस, आरएएफ और पीएसी के 1000 से अधिक जवान तैनात थे। उन्होंने भीड़ को आगे बढ़ने से रोका, जिससे सैकड़ों लोगों की जान बच गई। यूपी पुलिस के जवानों के क्विक रिस्पांस की वजह से बहुत बड़ा हादसा सीमित कर दिया गया।
दुनिया का सबसे सर्वक्षेष्ठ पुलिसबल
हादसे में फंसे प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि पुलिस के जवान हम लोगों के लिए भगवान के दूत बन कर आये, नहीं तो बड़ी संख्या में जानें जा सकती थीं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, भगदड़ के वक्त मौके पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के अलावा एक हजार मोजूद थे। उन्होंने तत्काल स्थिति पर नियंत्रण करते हुए संभावित बड़े हादसे को टाल दिया। पुलिस प्रशासन और आएएफ के जवानों ने रस्से डाल कर भीड़ को नियोजित किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यूपी पुलिस के 50 से अधिक जवान लोगों को बचाने के वक्त गिर गए पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वह एक निडर यो़द्धा की तरह डटे रहे। प्रत्यक्षदर्शी राजेश बताते हैं कि मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार पुलिसकर्मियों ये ऐसा काम देखा, जिससे मैं कह सकता हूं कि हां यूपी पुलिस सच में दुनिया का सबसे सर्वक्षेष्ठ पुलिसबल है।
स्थिति को गंभीर होने से बचा लिया
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भगदड़ के बाद पुलिस के सभी बड़े अधिकारी तत्काल घटना स्थल पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया था। आई जी प्रेम कुमार और मेला एसएसपी राजेश द्विवेदी ने घटना स्थल पर पहुंच कर करोड़ों की संख्या में संगम स्थल पर मौजूद स्नानार्थियों को अलग रास्तों से रवाना कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। अधिकारियों के साथ मिलकर यूपी पुलिस के जवानों ने तुरंत एक्शन लेते हुए घटना स्थल से भीड़ में फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला। उन्हें सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाया गया और पहले से रिहर्लस किये हुए तरीके से ग्रीन कॉरिडोर को तैयार किया गया। जहां से एंबुलेंस घायल तीर्थ यात्रियों को अस्पताल पहुंचाने में कामयाब रही। तत्काल राहत और इलाज मिलने से घायलों की स्थिति को गंभीर होने से बचा लिया गया।
सुगमता से स्नान कर वापस सकुशल घर जाएं
डीआईजी कुम्भ वैभव कृष्ण ने बताया कि मौनी अमावस्या पर बड़ी संख्या में भीड़ आई हुई थी। आसपास के जनपदों से भारी भीड़ प्रयागराज पहुंची है। अनुमान है कि 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु प्रयागराज में आए थे। मेले में सभी अधिकारी मंगलवार रात से ही क्राउड मैनेजमेंट में जुटे हुए थे। संगम समेत सभी घाटों पर लोग बड़ी संख्या में स्नान कर रहे थे। भगदड़ के बाद भीड़ पर अब पूरी तरह नियंत्रण कर लिया गया। एसएसपी कुम्भ राजेश द्विवेदी ने बताया कि संगम नोज पर बहुत ज्यादा ओवरक्राउडिंग हो गई थी। स्थिति को जल्दी ही नियंत्रण में ले लिया गया था। तत्काल प्रभाव से श्रद्धालुओं से अपील की गई कि जिन रास्तों से आए हैं, वहीं पर घाट उनके लिए खुले हैं। वो आएं सुगमता से स्नान कर वापस सकुशल घर जाएं।
10-12 घंटे लोगों की हेल्प कर रहा एक-एक जवान
उल्लेखनीय है कि महाकुम्भ में यूपी पुलिस जीतोड़ मेहनत कर रही है। हर संभव स्तर पर श्रद्धालुओं को मदद करने में लगी है। यूपी पुलिस का एक-एक जवान 10-12 घंटे खड़े होकर लोगों की हेल्प कर रहा है। लोगों का गुस्सा झेलते हैं, लेकिन तमाम एहतियात इसलिए बरते जा रहे हैं ताकि अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके। रूट डायवर्जन भी किया गया है। प्रशासन का लगातार यही प्रयास रहा कि जो श्रद्धालु जिस तरफ से आए, उसी तरफ के घाट पर स्नान करे। महाकुंभ के आयोजन को लेकर करीब 70 से 80 हजार पुलिस, अर्धसैनिकबल और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। दर्जनभर से अधिक आईएएस, आईपीएस अधिकारी 24 घंटे महाकुंभ की पहरेदारी कर रहे हैं