प्रयागराज ऑनलाइन डेस्क। तीर्थराज प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर्व पर रात का अचानक भगदड़ मच गई थी, जिसके कारण 30 श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ कांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया। इसके साथ ही यूपी एसटीएफ, एटीएस और पुलिस की टीमें घटना की गहनता से पड़ताल कर रही हैं। सूत्र बताते हैं कि एसटीएफ और महाकुंभ मेला पुलिस इस घटना की जांच पहले दिन से ही साजिश के एंगल से कर रही है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सदी का महापर्व महाकुंभ 2025 का आगाज 13 जनवरी से हो गया। 2 फरवरी तक करीब 35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने मां त्रिवेणी में डुबकी लगाकर पुण्ण कमाया। इसबीच महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन बड़ा हादसा हो गया। रात को अचानक भगदड़ मच गई। जिसके कारण 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, वहीं 60 से अधिक लोग घायल हो गए। घटना की जांच यूपी एसटीएफ, एटीएस और महाकुंभ मेला पुलिस कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, घटना के समय दो लोग मौजूद थे। उन्होंने पुलिस को बताया है कि भगवा झंडा फहराने को लेकर कुछ लोग भीड़ में घुस गए।
नंबरों को एसटीएफ ने सर्विलांस में लिया
सूत्रों के अनुसार दोनों युवकों ने पुलिस को बताया है कि, इसी के कारण भगदड़ मच गई। युवकों के दावों को लेकर पुलिस और एसटीएफ सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। सूत्र बताते हैं कि यूपी एसटीएफ को उस समय एक्टिव मोबाइल फोन घटना के बाद से बंद मिल रहे हैं। इससे भी साजिश की आशंका को बल मिल रहा है। एसटीएफ की टीमें उस वक्त संगम तट पर एक्टिव 16 हजार मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है। इसमें से 100 मोबाइन नंबरों को एसटीएफ ने सर्विलांस में लिया हुआ है।
20 संदिग्ध चेहरों की एआई तकनीकि से पहचान
एक अखबार की खबर के अनुसार एसटीएफ के अधिकारी ने उस अखबार के रिपोर्टर से नाम न छपने की शर्त पर कई जानकारियां दी हैं। अखबार के मुताबिक, एसटीएफ के अधिकारी ने बताया है कि सीसीटीवी कैमरों की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। अखबार ने दावा किया है कि एसटीएफ ने 120 संदिग्ध चेहरों की एआई तकनीकि से पहचान की है। हालांकि इनमें से अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। वहीं यूपी एटीएस भी पूरे प्रकरण की जांच तेजी से शुरू कर दी है।
अमिताभ यश प्रयागराज में कर रहे कैंप
वहीं एटीएस और एसटीएफ की टीमें महाकुंभ में रेहड़ी लगाने वालों, पूजन सामग्री, चूड़ी आदि बेचने वालों से भी पूछताछ कर रही है ताकि कोई अहम सुराग हाथ लग सके। फिलहाल महाकुंभ मेला क्षेत्र में अब पूरी सतर्कता बरती जा रही है। एडीजी कानून-व्यवस्था एवं एसटीएफ अमिताभ यश प्रयागराज में ही कैंप कर रहे हैं। वह अपनी टीम के साथ लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि भगदड़ की घटना के बाद कई ऐसे वीडियो भी प्रसारित हुए थे, जिसमें कुछ युवकों पर धक्का देने और गिराने का भी आरोप लगा था। वह व्यक्ति कौन हैं, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
संतों की तरफ से भी बयान आए
देर रात मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले संगम तट के पास भगदड़ मच गई थी। भगदड़ में 30 से ज्यादा श्रद्धालुओं की जान चली गई थी और कई घायल हुए थे। हादसे के कुछ घंटे बाद सेक्टर 21 में उल्टा किला झूंसी के पास भी भगदड़ मची थी। सेक्टर 21 के बाद सेक्टर 18 में ओल्ड जीटी के पास एक महामंडलेश्वर की कार के लिए रास्ता बनाने के दौरान भगदड़ हुई थी, जिसमें एक बालिका समेत सात महिलाओं की मौत हुई थी। घटना के बाद संतों की तरफ से भी बयान आए। संतों ने कहा कि भगदड़ के पीछे साजिश हो सकती है। ऐसे में सरकार को हर पहलू पर जांच करनी चाहिए।
महाकुंभ को लेकर धमकी
महाकुंभ शुरू होने से पहले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने धमकी भरा वीडियो जारी किया था। उसने महाकुंभ मेले में पीलीभीत एनकाउंटर का बदला लेने का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 3 खालिस्तानी आतंकियों के एनकाउंटर के बाद उसने धमकी दी थी। अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महाकुंभ को लेकर धमकी देने का मामला सामने आया था। इसकी जांच भी पुलिस कर रही है। आईबी और लोकल इंटेलिजेंस ने भी अघोरी के रूप में महाकुंभ में आतंकियों के गड़बड़ी की रिपोर्ट दी थी।
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि पुलिस हादसे के हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है। आसपास के इलाके के सारे सीसीटीवी और ड्रोन कैमरा की फुटेज को खंगाला जा रहा है। फिलहाल हमारी प्राथमिकता बाकी अमृत स्नान को सकुशल संपन्न कराना है, जिसके बाद जांच में तेजी लाई जाएगी।