PM Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि देश की जनता ने उन्हें 14वीं बार इस प्रस्ताव पर जवाब देने का अवसर दिया है। इसके लिए उन्होंने जनता के प्रति सम्मानपूर्वक आभार व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने कहा कि कल और आज सभी माननीय सदस्यों ने धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने विचार रखे, जो लोकतंत्र की परंपरा का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां जरूरी था, वहां प्रशंसा की गई और जहां समस्याएं रहीं, वहां आलोचनात्मक टिप्पणियां भी सुनने को मिली हैं।
अर्बन नक्सल पर क्या बोले- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज कुछ लोग खुलेआम शहरी नक्सलियों जैसी भाषा बोल रहे हैं, भारत के राज्य व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं और उसके खिलाफ संघर्ष की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग न तो संविधान की मूल भावना को समझते हैं और न ही राष्ट्र की एकता और अखंडता का महत्व जानते हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि पिछले सात दशकों तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया, जो न केवल संविधान के साथ बल्कि वहां के नागरिकों के साथ भी गंभीर अन्याय था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार संविधान की भावना के अनुरूप काम करती है और इसी कारण साहसिक और कठोर फैसले लेने से पीछे नहीं हटती। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि संविधान किसी तरह के भेदभाव की अनुमति नहीं देता। उन्होंने आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग सिर्फ संविधान को अपने पास रखने भर तक सीमित रखते हैं, वे नहीं समझते कि उनके फैसलों ने मुस्लिम महिलाओं को कितनी कठिन परिस्थितियों में जीने के लिए मजबूर किया है।
राहुल गांधी पर भी बोला हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए जाते हैं और इसे एक तरह का मनोरंजन समझते हैं, उन्हें संसद में गरीबों से जुड़ी बातें नीरस और उबाऊ लग सकती हैं। पीएम मोदी ने हल्की मुस्कान के साथ यह भी कहा कि वह ऐसे लोगों के गुस्से की वजह को अच्छी तरह समझ सकते हैं।