Pakistani Hindus in Maha Kumbh: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का जत्था पहुंचा, जिन्होंने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। ये श्रद्धालु गोटकी, सक्कर, खैरपुर, शिकारपुर, कर्जकोट और जटाबाल जिलों से आए हैं। इनमें से करीब 50 लोग पहली बार Maha Kumbh का दिव्य अनुभव ले रहे हैं। श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और हरिद्वार में अस्थि विसर्जन किया। सिंध से आईं छात्रा सुरभि ने कहा कि पहली बार अपने धर्म को करीब से जानने का अवसर मिला। वहीं, प्रियंका ने कहा कि भारत आना उनके लिए सौभाग्य की बात है। जत्थे के लोगों ने भारत सरकार से वीजा प्रक्रिया को सरल करने की अपील की ताकि वे धार्मिक यात्राओं में आसानी से आ सकें।
पाकिस्तान से पहली बार इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे
Maha Kumbh की दिव्यता और आध्यात्मिकता से प्रभावित होकर पाकिस्तान के सिंध प्रांत से श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे। पहले वे हरिद्वार गए, जहां उन्होंने अपने पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन किया। इसके बाद महाकुंभ में संगम स्नान कर उन्होंने सनातन धर्म की महिमा का अनुभव किया। महंत रामनाथ ने बताया कि श्रद्धालु वर्षों से इस पवित्र अवसर का इंतजार कर रहे थे और यहां आकर उन्हें अपार आनंद की अनुभूति हो रही है।
‘भारत आकर सनातन धर्म का गौरव महसूस हुआ’
सिंध से आए गोबिंद राम माखीजा ने बताया कि पिछले साल अप्रैल में 250 पाकिस्तानी हिंदू श्रद्धालु प्रयागराज आए थे और इस बार 68 लोगों का जत्था महाकुंभ में शामिल हुआ है। उन्होंने कहा, “यहां आकर हमें सनातन धर्म में जन्म लेने का गौरव महसूस हो रहा है। हमारे पास इस अनुभव को शब्दों में बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं।” सिंध के गोटकी से आई 11वीं की छात्रा सुरभि ने कहा, “पहली बार हमें अपने धर्म और संस्कृति को गहराई से समझने का मौका मिला है। यह अनुभव अविस्मरणीय है।”
वीजा प्रक्रिया आसान करने की मांग
श्रद्धालुओं ने वीजा प्रक्रिया को सरल करने की अपील की ताकि धार्मिक यात्राएं सुगम हो सकें। सक्कर जिले से आए निरंजन चावला ने कहा कि सिंध में हिंदू सुरक्षित हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, “भारतीय वीजा मिलने में छह महीने लगते हैं, जिससे श्रद्धालुओं को कठिनाई होती है।” जत्थे के लोग आठ फरवरी को रायपुर के लिए रवाना होंगे और फिर हरिद्वार जाकर अस्थि विसर्जन करेंगे। श्रद्धालुओं ने भारत सरकार को वीजा प्रदान करने के लिए धन्यवाद भी दिया।