Bhopal Confrence: चिकित्सा में तकनीकी विकास के चलते बहुत कुछ बदल चुका है, और अब रोबोटिक सर्जरी ने इसे एक नई दिशा दी है। मुंबई के प्रसिद्ध रोबोटिक सर्जन डॉ. जयदीप पालेप ने इस तकनीक के बारे में अपनी जानकारियाँ साझा की, जो सच में बहुत दिलचस्प हैं।
डॉ. जयदीप पालेप का अनुभव
डॉ. पालेप ने बताया कि 2009 में जब दा विंची रोबोट भारत में आया, तब उन्होंने पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल किया। उस समय भारत में सिर्फ एक रोबोट था, लेकिन अब लगभग 300 रोबोट देशभर में सर्जरी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पहली रोबोटिक सर्जरी का जिक्र किया, जब एक 45 साल के मरीज का पेट का एक हिस्सा छाती में चला गया था, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इस सर्जरी ने न सिर्फ उसे आराम दिलाया, बल्कि मरीज को सिर्फ 24 घंटे में अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई!
रोबोटिक सर्जरी के फायदे
डॉ. पालेप के अनुसार, रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को बहुत जल्दी रिकवरी मिलती है। इसमें कम दर्द और बहुत कम खून बहता है। साथ ही, सर्जन को थ्री-डी व्यू मिलता है, जिससे वह शरीर के अंदर की चीजों को सही से देख सकते हैं। यह तकनीक बहुत सटीक होती है, जिससे सर्जरी में सफलता का प्रतिशत बढ़ जाता है।
क्या भविष्य में रोबोटिक सर्जरी आम हो जाएगी?
डॉ. पालेप का मानना है कि आने वाले समय में रोबोटिक सर्जरी आम हो जाएगी। यह मरीजों के लिए न सिर्फ सुरक्षित, बल्कि कम जटिल और प्रभावी होगी।
डॉ. मनदीप सिंह का योगदान
इस सम्मेलन में डॉ. मनदीप सिंह ने भी अपनी बातें साझा की। उन्होंने बताया कि भारत में पहली बार ब्रेस्ट कैंसर की रोबोटिक सर्जरी करने का श्रेय उन्हें जाता है। इस तकनीक से मरीज को सर्जरी के बाद बहुत जल्दी रिकवरी होती है, और संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है।
रोबोटिक सर्जरी बन सकती है गेम चेंजर
रोबोटिक सर्जरी सच में चिकित्सा जगत में एक गेम चेंजर साबित हो रही है। यह न सिर्फ सर्जनों के लिए मददगार है, बल्कि मरीजों के लिए भी आरामदायक और प्रभावी इलाज का तरीका बन चुकी है। भविष्य में हम देखेंगे कि यह तकनीक और भी अधिक प्रचलित हो जाएगी।