Valentine’s Day 2025 Special Story: वैलेंटाइन डे प्यार और इमोशंस को जाहिर करने का सबसे खूबसूरत मौका होता है। इस दिन कपल्स, दोस्त और चाहने वाले एक-दूसरे को स्पेशल फील कराने के लिए मैसेज, गिफ्ट्स और खास अंदाज में विश करते हैं। कपल्स मोहब्बत को सक्सेसफुल बनाने के लिए मंदिर भी जाते हैं और पूजा-अर्चना भर करते हैं। एक ऐसा ही भगवान शिव का प्राचीन मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित है, जिसका नाम शंगचूल महादेव मंदिर। यह मंदिर प्रेमी जोड़ों को आश्रय देने के लिए मशहूर है।
सैंज घाटी में हैं भगवान शिव का मंदिर
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू की सैंज घाटी में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। करीब 128 बीघे में फैला ये मंदिर अपनी खूबसूरती से लोगों के मन को मोह लेती है। ये मंदिर कपल्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। जब पूरा समाज इनके रिश्ते को स्वीकारने से इंकार कर देता है, तब भोलेबाबा का यह मंदिर उनकी मदद करता है। प्यार करने वाले लोग भगवान शिव और माता शक्ति को प्रेरणा के तौर पर देखते हैं। इस मंदिर के लोगों का मानना है कि प्रेम जिस रूप में भी हो उसे अपनाना चाहिए।
भगवान शिव करते हैं सुरक्षा
देशभर से घर छोड़कर भागने वाले और शादी की इच्छा रखने वाले जोड़े इस मंदिर में आते हैं। इस मंदिर में उनके रहने की व्यवस्था की जाती है और गांव वाले भी उनका स्वागत करते हैं। मान्यता है कि जोड़े की सुरक्षा भगवान शिव करते हैं और उनको कोई खतरा नहीं रहता है। यहां पर किसी भी जाति, धर्म, समुदाय के प्रेमी जोड़े आ सकते हैं। सबके लिए एक समान रहने खाने की व्यवस्था की जाती है। पुलिस भी रोक टोक नहीं करती है।
बने हैं नियम-कानून
गांव के लोगों ने कुछ नियम बनाया है जिसे लोग मानते हैं। यहां सिगरेट और शराब पीने पर रोक है। साथ ही कोई तेज आवाज में बात और लड़ाई झगड़ा नहीं कर सकता है। इस इलाके में घोड़े के आने पर भी पाबंदी है। प्रेमी जोड़ों की शादी होने और उनके समस्याओं का हल होने तक उन्होंने यहां से कोई निकाल नहीं सकता है। सुरक्षा का इंतजाम मंदिर के पुजारी करते हैं। पुजारी बताते हैं कि प्रेमी जोड़े जब यहां आते हैं तो उनके बारे में पूरी जानकारी की जाती है। फिर जोड़ों के परिवारवालों को बुलाया जाता है।
प्रेम को अपनाना चाहिए क्योंकि
पुजारी बताते हैं कि परिवारवाले मंदिर आते हैं और अगर वह कपल्स की शादी को लेकर राजी होते हैं तो उनका विवाह करवा दिया जाता है। अगर परिवारवाले नहीं आते तो मंदिर प्रबंधक शादी करवाता है। पुजारी कहते हैं कि भगवान शिव ने भी अपने प्रेम को हासिल करने के लिए कई सालों तक इंतजार किया था, तो वहीं माता पार्वती ने भी कई सालों तक तपस्यों की। पुजारी का मानना है, प्रेम जिस भी रूप में हो, उसे अपना लेना चाहिए।
पूरे दिल से कपल्स का स्वागत
मंदिर के पुजारी बताते हैं, जो जोड़े घर से भागकर आते हैं और शादी करना चाहते हैं, उनके लिए मंदिर में रहने और शादी कराने की पूरी व्यवस्था होती है। समाज भले ही उन्हें बुरी नजर से देखें, लेकिन गांव और मंदिर के लोग पूरे दिल से उनका स्वागत करते हैं। मान्यता है कि प्रेमी जोड़े की रक्षा स्वयं भोलेनाथ करते हैं। राहत की बात है कि प्रेमी जोड़ी खुद को यहां बहुत सुरक्षित महसूस करते हैं। इनकी शादी होने तक कोई भी इन्हें यहां से निकालने की हिम्मत नहीं कर सकता।
पांडवों ने गुजारे थे कई दिन, ऐसे पहुंचे मंदिर
मान्यता के मुताबिक कौरवों के डर से पांडव शंगचूल महादेव मंदिर में आकर छिपे थे। कौरव जब यहां पहुंचे, तो भगवान शिव खुद प्रकट हुए और कहा कि उनके शरण में आए हुए लोगों का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। हालांकि भगवान महादेव के डर से पांडव यहां से भाग गए थे। भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में पहुंचने के लिए आपको पहले शांगढ़ पहुंचना होगा। कुल्लू मनाली जाने वाले बस ले सकते हैं, जहां आपको ऑट में उतरना होगा। अब नेउली से सैंज के लिए बस लें। शंगचुल मंदिर यहां से कुल 10 किमी की दूरी पर है।