नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल का तख्तापलट कर 27 साल के लंबे इंतजार के बाद दिल्ली में प्रचंड जीत दर्ज की। चुनाव परिणाम आने के बाद से सीएम के नाम को लेकर लगातार चर्चाएं चल रही थीं। आखिरकार बुधवार को बीजेपी दफ्तर में विधायक दल की बैठक हुई और रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लग गई। वैश्य समाज से आने वाली रेखा गुप्ता को सीएम बनाने का फैसला किया है। अब गुरुवार को रामलीला मैदान में वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगी।
रेखा गुप्ता चुनी गई सीएम
दिल्ली के सीएम को लेकर बीजेपी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद एवं राष्ट्रीय मंत्री ओपी धनकड़ को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। बुधवार को दोनों नेता बीजेपी दफ्तर पहुंचे। विधायक दल की बैठक शुरू हुई और शालीमार विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुनकर आई रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लग गई। वह दिल्ली की अगली सीएम होंगी। रेखा गुप्ता, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही दोनों पर्यवेक्षकों के साथ दिल्ली के एलजी से मुलाकात करेंगी और सरकार बनाने का प्रस्ताव देंगी। बृहस्पतिवार को रामलीला मैदान में शपथ गृहण समारोह होगा।
कौन हैं रेखा गुप्ता
रेखा गुप्ता का जन्म जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गांव 1974 में हुआ था। जब वे दो साल की थीं, उनके पिता की नौकरी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बतौर मैनेजर लगी। इसके बाद वे दिल्ली चले गए और 1976 में पूरा परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। रेखा गुप्ता की पूरी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में हुई। रेखा गुप्ता के परिवार के लोग जुलाना की अनाज मंडी में आढ़त का काम अब भी करते हैं। रेखा गुप्ता ने बताया था कि वे अब भी समय-समय पर जुलाना आती रहती हैं। कभी कभार गांव में भी गई हैं।
रेखा गुप्ता का सियासी कॅरियर
रेखा गुप्ता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिज हुई और राजनीति में एक्टिव हो गईं। विधायक बनने से पहले रेखा गुप्ता पार्षद, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व महासचिव और अध्यक्ष रही हैं। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य हैं और पार्टी की दिल्ली राज्य इकाई की महासचिव भी रही हैं। रेखा गुप्ता शालीमार बाग से जीतकर आई हैं। रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी वंदना कुमारी को हराया है। बीते दो चुनाव से रेखा गुप्ता वंदना कुमारी से हार गईं थी, लेकिन इस बार उन्होंने वंदना कुमारी को हरा दिया।
शिक्षा-राजनीति
1994-95 में दौलत राम कॉलेज की सेक्रेटरी रहीं
1995-96 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में सेक्रेटरी रहीं
1996-97 में दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ में की अध्यक्ष
2003-04 में दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा की सेक्रेटरी रहीं
2004-06 में बीजेपी युवा मोर्चा की नेशनल सेक्रेटरी रहीं
2007 में पीतमपुरा नॉर्थ से पार्षद चुनी
2009 में दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा की महासचिव बनीं
2010 में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य चुनी गईं
नए चेहरों को मिल रहा मौका
दरअसल, बीजेपी नए चेहरों को मौका दे रही है। पार्टी के दिग्गजों को हटाकर कम उम्र के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। नए नेताओं को मौका मिल रहा है। गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत जहां भी चुनाव हुए हैं, वहां यह देखने को मिला है और यही दिल्ली में भी हुआ।
इस वजह से रेखा गुप्ता बीजेपी की पसंद बनीं
रेखा गुप्ता शालीमार बाग से चुनाव जीतकर दिल्ली विधानसभा पहुंची हैं। उनके नाम का अनाउंस होने की एक प्रमुख वजह वैश्व समुदाय से आना है। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसी समुदाय से आते हैं। वैश्य समुदाय बीजेपी का कोर वोटर भी है। रेखा गुप्ता को संगठन में काम करने का अच्छा खासा अनुभव है।
करप्शन का दाग नहीं होना चाहिए
बीजेपी के किसी सीएम पर करप्शन का दाग नहीं, इस बार भी इसका खास ध्यान रखा गया। बीजेपी इस एनाउंसमेंट से पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक एक मैसेज देना चाहती है। विपक्ष को संदेश भी है। साथ ही ऐसे नेता जिन्हें पद का लालच नहीं और जो जनता के सेवक की भावना की तरह काम करते हैं, उन्हें ढूंढकर बीजेपी सामने ला रही है। इससे नीचे के कार्यकर्ताओं में संदेश जाता है।
आरएएस और संगठन में पकड़
जिन नेताओं की आरएसएस और संगठन में पकड़ है, उन्हें मौका मिलता रहा है। ईमानदार और कर्मठी नेताओं को बीजेपी आगे बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रही है। इस बार भी वही हुआ। इसके उदाहरण राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा, एमपी के मोहन यादव, ओडिशा के मोहन चरण माझी और छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय हैं।
लोकप्रिय चेहरा होना चाहिए
बीजेपी के सीएम चुनने का तीसरा मानक देखा गया है कि लोकप्रिय चेहरा होना चाहिए। योगी आदित्यनाथ, देवेंद्र फडणवीस जैसे कई उदाहरण सामने हैं। दिल्ली में कोई बड़ा चेहरा नहीं था, लेकिन साफ छवि और कार्यकर्ताओं के बीच पकड़ की वजह से इस बार नया सीएम चुनने में बीजेपी को आसानी हुई।
समर्पित कार्यकर्ताओं तो बड़ा मौका
पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी फैसला लेते वक्त बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ताओं तो बड़ा मौका देती रही है। नायब सैनी और पुष्कर सिंह धामी इसका उदाहरण हैं। दिल्ली के सीएम की रेस में कई नाम थे पर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगाई।
प्रवेश वर्मा ने रखा प्रस्ताव
बता दें रेखा गुप्ता के नाम का प्रस्ताव प्रवेश वर्मा और विजेंद्र गुप्ता ने रखा। अब बीजेपी का एक डेलिगेशन उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकता है। इसके बाद गुरुवार को रेखा गुप्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी।
48 सीटों पर बीजेपी की जीत
विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस बार 27 साल बाद दिल्ली में जीत दर्ज की है। बीते एक दशक से राजधानी में आम आदमी पार्टी सत्ता में थी, जिसे इस बार सिर्फ 22 पर जीत मिली है। वहीं बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। बीजेपी की बंपर लहर में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत आप के तमाम वरिष्ठ नेता भी अपनी सीट गंवा बैठे हैं।