Mahashivratri 2025 : हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का पावन अवसर माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस दिन देशभर में भव्य शिव बारात निकाली जाती है और शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है। महाशिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
भगवान शिव को करुणा और कृपा का प्रतीक माना जाता है, और भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करने वाले देवता माने जाते हैं। कई युवतियां अपने लिए भगवान शिव जैसे गुणवान और आदर्श जीवनसाथी की कामना करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो कुंवारी कन्याएं महाशिवरात्रि पर विधिपूर्वक व्रत और पूजा करती हैं, उन्हें मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। जिनके विवाह में बाधाएं आ रही होती हैं, उनके लिए भी यह व्रत शुभ फलदायी माना जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष 26 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा।
कुंवारी कन्याएं ऐसे करें शिव पूजन
इस दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, लेकिन काले और ग्रे रंग के कपड़े न पहनें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करने के बाद, शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, शहद और शुद्ध जल से अभिषेक करें। भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और फूल अर्पित करें तथा धूप-दीप जलाकर पूजा करें। साथ ही शिव जी को मिश्री, खीर, मिठाई और बेर का भोग लगाएं और माता पार्वती को सुहाग की सामग्री अर्पित करें। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें और शिव मंत्रों का जाप करें। व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करें। इस दौरान नमक और अन्न के सेवन से बचें, ताकि व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।