noise cancelling headphones health risks आजकल हम काम और जिंदगी की भागदौड़ में इतने उलझ गए हैं कि अपने खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान ही नहीं देते। हर जगह तेज़ शोर और तेज़ रफ्तार दुनिया के बीच शोर-रद्द करने वाले हेडफ़ोन यानी Noise Cancelling Headphones लोगों के बीच तेज़ी से लोकप्रिय हो रहे हैं। ये हेडफोन बाहरी शोर को रोककर हमें शांत माहौल देते हैं ताकि हम संगीत, वीडियो या कॉल का आनंद ले सकें। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये हेडफ़ोन हमारी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं? आइए जानते हैं इसके छुपे हुए खतरों के बारे में।
हेडफोन की बढ़ती लोकप्रियता
नॉइस कैंसिलिंग करने वाले हेडफ़ोन आज की डिजिटल लाइफ का अहम हिस्सा बन गए हैं।
ऑफिस में काम करते हुए
सफर के दौरान
घर पर शांति में म्यूजिक सुनते समय
ऑनलाइन मीटिंग्स और वीडियो कॉल्स के लिए
लोग इन्हें इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। यह हमें बाहरी शोर से बचाने के साथ-साथ ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करते हैं। लेकिन, इनके ज्यादा इस्तेमाल से हमारे कानों और दिमाग पर गंभीर असर पड़ सकता है।
छिपे हुए खतरे,नुकसान जो आपको नहीं पता
सुनने की क्षमता पर असर
ये हेडफोन बाहरी आवाजों को ब्लॉक कर देते हैं, जिससे हमारा दिमाग धीरे-धीरे कम ध्वनि पहचानने की क्षमता विकसित करता है। इसका नतीजा यह होता है कि हमारी प्राकृतिक सुनने की क्षमता कमजोर होने लगती है।
बहरेपन (APD) का खतरा
APD यानी Auditory Processing Disorder में मस्तिष्क को ध्वनियों को समझने में दिक्कत होती है। डॉक्टरों के अनुसार, कई युवा अब सुनने की समस्या की शिकायत करने लगे हैं। उनके कान तो सही होते हैं, लेकिन मस्तिष्क आवाजों की सही व्याख्या नहीं कर पाता।
दिमाग के डेवलपमेंट पर असर
खासकर बच्चों और युवाओं के लिए यह समस्या ज्यादा खतरनाक हो सकती है।
जब हम हर समय हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं, तो मस्तिष्क प्राकृतिक ध्वनियों को समझने की क्षमता खोने लगता है।
इससे युवाओं का दिमाग पूरी तरह से इस तकनीक पर निर्भर हो सकता है, जो उनके श्रवण कौशल को कमजोर कर सकता है।
लंबे समय तक इस्तेमाल के दूसरे नुकसान
हेडफोन का ज्यादा इस्तेमाल सिर्फ सुनने की क्षमता ही नहीं, बल्कि हमारी सेहत पर भी बुरा असर डाल सकता है।
सिरदर्द और चक्कर आना
लंबे समय तक हेडफोन पहनने से कान के अंदर दबाव बढ़ जाता है, जिससे सिरदर्द, चक्कर आना और थकान जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
कान में दर्द और संक्रमण
हेडफोन को लगातार पहनने से कान में खुजली और दर्द हो सकता है।
पसीने और गंदगी के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
कई लोग तेज आवाज में म्यूजिक सुनते हैं, जो कानों के अंदरूनी हिस्से को नुकसान पहुंचा सकता है।
मानसिक थकान और तनाव
अगर आप हर समय हेडफोन लगाए रहते हैं, तो आपका दिमाग लगातार आवाजों को प्रोसेस करता रहता है।
इससे मानसिक थकान बढ़ सकती है।
अत्यधिक शोर से दिमाग पर दबाव पड़ता है, जिससे तनाव और बेचैनी बढ़ सकती है
हेडफोन का सही इस्तेमाल कैसे करें
अब सवाल उठता है कि अगर हेडफोन नुकसान पहुंचाते हैं, तो हमें क्या करना चाहिए?
हर समय हेडफोन न पहनें। इसे जरूरत के हिसाब से ही इस्तेमाल करें।
आवाज का वॉल्यूम कम रखें (60% से ज्यादा न करें)।
हर घंटे कम से कम 10 मिनट का ब्रेक लें, ताकि कानों को आराम मिल सके।
हेडफोन को साफ रखें, ताकि संक्रमण का खतरा कम हो।
बच्चों को ज्यादा हेडफोन इस्तेमाल करने से रोकें।
क्या हमें हेडफोन का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए
हेडफोन पूरी तरह से बंद करने की जरूरत नहीं, लेकिन ज्यादा इस्तेमाल से बचना जरूरी है। अगर हम सही तरीके से इनका इस्तेमाल करें, तो हम इसके नुकसान से बच सकते हैं।
याद रखें, तकनीक हमारे लिए है, हम तकनीक के लिए नहीं। इसलिए अपनी सेहत का ख्याल रखें और जरूरत से ज्यादा हेडफोन पर निर्भर न रहें।