Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों की अनदेखी करना कई सरकारी कर्मचारियों को भारी पड़ने वाला है। सरकार द्वारा बार-बार निर्देश देने के बावजूद अभी भी डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारियों ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज नहीं किया है। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी हो चुकी है और मार्च महीने से उनका वेतन रोका जा सकता है।
28 फरवरी अंतिम तारीख, फिर होगी सख्त कार्रवाई
प्रदेश सरकार ने सभी राज्य कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का विवरण देने के लिए 28 फरवरी तक की अंतिम तारीख तय की है। अगर इस अवधि तक ब्योरा नहीं दिया गया तो मार्च से उनका वेतन रोक दिया जाएगा। सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत सभी श्रेणियों के राज्य कर्मचारियों को हर साल अपनी संपत्ति का विवरण देना अनिवार्य है जिसकी समय सीमा पहले 15 फरवरी थी लेकिन बड़ी संख्या में अनुपालन न करने के कारण इसे 28 फरवरी तक बढ़ाया गया है।
17% कर्मचारियों ने नहीं दी जानकारी
उत्तर प्रदेश में कुल 8,33,510 राज्य कर्मचारी (Lucknow News) हैं जिनमें से 6,89,826 कर्मचारियों ने अब तक अपनी संपत्ति की जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट कर दी है। हालांकि, 1,43,684 कर्मचारी अभी भी इस निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं जो कुल कर्मचारियों का लगभग 17% है।
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मुख्य सचिव ने जताई नाराजगी
प्रदेश में बड़ी संख्या में कर्मचारियों द्वारा निर्देशों की अवहेलना किए जाने पर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 28 फरवरी तक सभी कर्मचारियों का संपत्ति विवरण दर्ज करवाया जाए। यदि कोई कर्मचारी इस निर्देश का पालन नहीं करता तो मार्च से उसका वेतन रोक दिया जाएगा।
अब वेतन रोकने की तैयारी
सरकार अब इस नियम को सख्ती से लागू करने की तैयारी में है। सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि तय समयसीमा के बाद ब्योरा न देने वाले कर्मचारियों का वेतन रोका जाए और उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाए। इससे साफ है कि योगी सरकार सरकारी सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।