Jammu-Kashmir : जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सेना की गाड़ी पर हुए हमले को लेकर अब एक नया खुलासा हुआ है। शुरुआती जांच के अनुसार, यह कोई आतंकी हमला नहीं था, बल्कि यह एक एक्सीडेंटल फायरिंग की घटना थी। सेना के वाहन के मूवमेंट के दौरान यह घटना घटित हुई। इस पर अभी तक सेना के किसी अधिकारी का बयान नहीं आया है।
सेना की गाड़ी पर 4 से 5 राउंड फायरिंग
सुरक्षाबलों के सूत्रों ने पहले यह जानकारी दी थी कि राजौरी के सुंदरबनी सेक्टर में सेना की गाड़ी पर 4 से 5 राउंड फायरिंग हुई थी, जो आतंकी हमले की तरह प्रतीत हो रही थी। आतंकी इस घटना को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए। हालांकि, अब यह पता चला है कि यह घटना फायरिंग का एक हादसा था, न कि किसी आतंकी हमले का परिणाम। इस हमले में किसी के घायल या हताहत होने की खबर नहीं है, और सेना द्वारा इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।
पूरे इलाके में हाई अलर्ट
यह घटना उस इलाके में हुई, जो एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) के करीब स्थित है। सूत्रों के अनुसार, सेना का सर्च ऑपरेशन सुबह से ही चल रहा था, और उसी दौरान यह घटना घटित हुई। हालांकि, इस घटना की सेना ने अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इस क्षेत्र की पाकिस्तान सीमा से निकटता के कारण, पुलिस को फिलहाल इलाके में जाने की अनुमति नहीं दी गई है, और सेना ही वहां सर्च ऑपरेशन चला रही है। पूरे इलाके को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
आतंकी फायरिंग के बाद तुरंत भागे आतंकी
सूत्रों ने बताया कि फायरिंग एक ही दिशा से की गई थी। हमलावर फायरिंग करने के बाद तुरंत भाग गए और आस-पास के इलाकों में जाकर छिप गए। सेना को जवाबी फायरिंग का अवसर भी नहीं मिला, क्योंकि आतंकी पहले ही वहां से फरार हो चुके थे।
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7 फरवरी को मारे गए थे घुसपैठिए
इससे पहले, 7 फरवरी को भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में पाकिस्तान के सात घुसपैठियों को मार गिराया था। ये घुसपैठिए भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिनमें से कुछ पाकिस्तानी सेना के जवान थे। इसके अलावा, कुछ घुसपैठिए अल बद्र संगठन से भी जुड़ सकते हैं, जो पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन है और भारतीय क्षेत्र में आतंक फैलाने की कोशिश करता रहता है।