Cyber Scam: अगर आप एंड्रॉयड मोबाइल या कोई अन्य डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको साइबर अपराधों से बचने के लिए ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। हर मिनट 700 से ज्यादा साइबर अपराध हो रहे हैं, जिनमें से 42% हमले एंड्रॉयड डिवाइसेस पर होते हैं।साइबर अपराधी ऐसे सॉफ़्टवेयर और मालवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो आसानी से एंड्रॉयड डिवाइसेस में सेंध लगा सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 32% साइबर अपराध अनचाहे ऐप्स की वजह से हो रहे हैं, जबकि 26% अपराध फर्जी विज्ञापनों (एडवेयर) के जरिए किए जा रहे हैं।
रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं। यह रिपोर्ट अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 के बीच इकट्ठा किए गए आंकड़ों पर आधारित है। इस दौरान, रैनसमवेयर से जुड़े लगभग 10 लाख मामले सामने आए।रैनसमवेयर हमले में अपराधी किसी का कंप्यूटर या डाटा हैक कर लेते हैं और उसे वापस देने के बदले फिरौती मांगते हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में होने वाले 23% साइबर अपराध के पीछे इंडोनेशिया के एनान ब्लैक फ्लैग गैंग का हाथ है।
साइबर अपराधी कैसे कर रहे हैं हमले
भारत में पाकिस्तान के ‘टीम इनसेन’ साइबर गैंग भी सक्रिय है, जो लगातार साइबर हमलों को अंजाम दे रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 15% साइबर अपराध बांग्लादेश से संचालित हुए हैं।
साइबर अपराधी डॉक्यूमेंट फाइल, जावा स्क्रिप्ट, एचटीएमएल, कंप्रेस्ड फाइल और विंडो शॉर्टकट फाइल का इस्तेमाल कर सिस्टम में सेंध लगा रहे हैं। इसके अलावा, गेमिंग, डेटिंग और गैम्बलिंग ऐप्स भी साइबर अपराधियों के लिए बड़े हथियार बन गए हैं।
एआई ऐप्स भी बन रहे खतरा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ऐप्स भी अब साइबर अपराधियों के निशाने पर आ गए हैं। कई बार नकली चैटजीपीटी जैसे ऐप्स फोन में आ जाते हैं, और इन पर क्लिक करते ही यूजर के जरूरी डाटा चोरी हो सकते हैं।व्हाट्सएप भी साइबर अपराध का एक बड़ा जरिया बन गया है। रिपोर्ट बताती है कि सबसे ज्यादा मालवेयर हेल्थकेयर इंडस्ट्री में पाए गए हैं। इसके अलावा, बैंकिंग, हॉस्पिटलिटी, शिक्षा, MSME और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी साइबर हमलों के शिकार हो रहे हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बढ़ा खतरा
आने वाले समय में साइबर अपराधी एआई टेक्नोलॉजी को अपने हमलों में शामिल कर सकते हैं। यह अपराधी अब सिर्फ अलग-अलग डिवाइसेस पर ही नहीं, बल्कि पूरी डिजिटल सप्लाई चेन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर एक साथ हमला करने की क्षमता रखते हैं।
साइबर हमले अब छोटे शहरों तक भी पहुंच रहे हैं, लेकिन अभी भी बड़े शहर इनका मुख्य निशाना बने हुए हैं।
कैसे बचें साइबर अपराध से?
अनजान ऐप्स को डाउनलोड करने से बचें।
किसी भी लिंक या अंजान वेबसाइट पर क्लिक करने से पहले सावधानी बरतें।
हमेशा मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
अपने मोबाइल और कंप्यूटर में अच्छा एंटीवायरस इंस्टॉल करें।
फर्जी कॉल, ईमेल और व्हाट्सएप मैसेज से सावधान रहें।