Blue Ghost mission फायरफ्लाई एयरोस्पेस के चंद्र मिशन ब्लू घोस्ट ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है। यह ऐतिहासिक लैंडिंग चांद के मेयर क्रीसियम क्षेत्र में हुई। इस सफलता के साथ फायरफ्लाई एयरोस्पेस पहली निजी कंपनी बन गई है, जिसने चांद पर अंतरिक्षयान उतारा है। यह मिशन चंद्र अन्वेषण के क्षेत्र में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
स्पेसएक्स रॉकेट से हुआ था लॉन्च
ब्लू घोस्ट मिशन की शुरुआत 15 जनवरी 2025 को हुई थी। इसे स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया। वहां करीब एक महीने तक पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने के बाद यह चंद्रमा की ओर रवाना हुआ। इसके बाद 16 दिन तक चांद की कक्षा में रहने के बाद 2 मार्च को यह चंद्र सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया।
फायरफ्लाई एयरोस्पेस ने इस मिशन को नासा के सहयोग से पूरा किया। कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि ब्लू घोस्ट की सफल लैंडिंग के साथ चांद पर खोज के नए रास्ते खुल गए हैं। यह मिशन आने वाले समय में चंद्रमा पर इंसानी मौजूदगी को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
ब्लू घोस्ट मिशन का उद्देश्य
इस मिशन के साथ नासा ने अपने 10 पेलोड भेजे हैं, जो उसके कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विस प्रोग्राम का हिस्सा हैं। मिशन का मुख्य उद्देश्य चांद के वातावरण और उसकी सतह से जुड़ी अहम जानकारियां जुटाना है।
ब्लू घोस्ट चंद्रमा के आंतरिक हिस्से में गर्मी के बहाव का अध्ययन करेगा, जिससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि चांद पर गर्मी कैसे उत्पन्न होती है।
मिशन की समय-सीमा और महत्व
यह मिशन करीब 14 दिनों तक चलेगा, जो चांद पर एक दिन के बराबर होता है। इस सफलता से भविष्य में चंद्रमा पर इंसानी पहुंच को आसान बनाने की कोशिशों को मजबूती मिलेगी।
फायरफ्लाई एयरोस्पेस का यह मिशन चंद्रमा के अध्ययन और वहां संसाधनों की खोज के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।और इसके तहत चंद्रमा के वातावरण और तापमान से जुड़ी अहम जानकारियां जुटाई जाएंगी। इस सफलता से चंद्रमा पर भविष्य की खोजों और इंसानी मौजूदगी की संभावनाओं को और बल मिलेगा।