AI startup face misuse लूसी नाम की एक महिला ने एक एआई स्टार्टअप को करीब 1.6 लाख रुपये में अपना चेहरा इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी। शुरू में वह इस फैसले से खुश थीं, लेकिन बाद में जब उन्होंने शर्तों को समझा, तो उन्हें पछतावा हुआ। अब उन्हें डर है कि उनके चेहरे का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है और यह किसी गलत हाथों में पड़ सकता है।
जल्दी पैसे कमाने की होड़ में बढ़ रहा जोखिम
पहले के समय में लोग शिक्षा और मेहनत से पैसे कमाना पसंद करते थे, लेकिन अब कई लोग जल्दी पैसा कमाने के लिए अजीबोगरीब तरीके अपनाने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भी कई ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। कुछ लोग अपनी तस्वीरें और निजी जानकारी तक बेच देते हैं। ऐसा ही मामला लूसी के साथ हुआ, जिन्होंने एक एआई स्टार्टअप को अपना चेहरा देने का फैसला किया।
शुरू में खुशी, बाद में पछतावा
लूसी ने करीब 1.6 लाख रुपये में अपने चेहरे का उपयोग करने की अनुमति दी थी। शुरुआत में वह इस सौदे से खुश थीं, लेकिन जब उन्होंने दस्तावेजों की शर्तों को सही से समझा, तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और कई वीडियो रिकॉर्ड कराए, ताकि एआई मॉडल को प्रशिक्षित किया जा सके। बाद में पता चला कि कंपनी अब उनके चेहरे का किसी भी तरह इस्तेमाल कर सकती है, वह भी बिना उनकी अनुमति के।
जब पैसे खत्म हुए, तब समझ आई गलती
शुरुआती खुशी के बाद, जब लूसी को मिले पैसे खत्म हो गए, तब उन्हें इस फैसले की गंभीरता समझ आई। भले ही उन्हें पूरा भुगतान मिला था, लेकिन अब उन्हें डर है कि उनका चेहरा किसी भी गलत गतिविधि में इस्तेमाल हो सकता है। पहले भी कई मामलों में देखा गया है कि कंपनियां असली चेहरों का इस्तेमाल धोखाधड़ी और अपराधों के लिए कर चुकी हैं।
एआई तकनीक से बढ़ रहा खतरा
आजकल एआई का उपयोग लोगों के चेहरे बदलने और उनकी नकल करने के लिए किया जा रहा है। इससे पहचान की चोरी, गलत जानकारी फैलाने और अन्य अनैतिक कामों का खतरा बढ़ गया है। इस तकनीक का इस्तेमाल फर्जी वीडियो, डीपफेक और ऑनलाइन ठगी में किया जा सकता है। इससे सिर्फ उन्हीं लोगों को नुकसान नहीं होता जिनका चेहरा इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि उन लोगों को भी जो इस नकली जानकारी को सच मानकर धोखे का शिकार हो जाते हैं।
निजता और सुरक्षा पर सवाल
इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि एआई तकनीक के कारण निजता और सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। अगर इस पर सख्त नियम नहीं बनाए गए, तो लोग आसानी से इसके शिकार हो सकते हैं। लूसी का मामला सबक देता है कि किसी भी समझौते को करने से पहले उसकी शर्तों को अच्छी तरह पढ़ लेना बेहद जरूरी है, वरना बाद में पछताने के अलावा कुछ नहीं बचता