लखनऊ ऑनलादन डेस्क। यूपी एटीएस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जांच एजेंसी ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के खूंखार आतंकवादी उल्फत हुसैन को जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले से गिरफ्तार किया है। आतंकी 2015 से फरार चल रहा था। उल्फत हुसैन पर मुरादाबाद पुलिस की तरफ से 25 हजार रूपए का इनाम रखा गया था।
कौन हैं आतंकी उल्फत हुसैन
आतंकी उल्फत हुसैन मुलरूप से जम्मू-कश्मीर के पूंछ का रहने वाला है। उल्फत हुसैन को मुरादाबाद पुलिस ने 2001 में गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद हुए थे। इस मामले में उल्फत हुसैन के खिलाफ 307 आईपीसी, आर्म्स एक्ट, पोटा और क्रिमिनल लॉ एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे। कई साल जेल में रहने के बाद उल्फत हुसैन जमानत पर रिहा हो गया था।
गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था
मुरादाबाद की अदालत ने वर्ष 2015 में उल्फत हुसैन खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। इसके बाद वह फरार हो गया था। दो मार्च को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था। एटीएस की जांच में सामने आया कि उल्फत हुसैन ने 1999-2000 में आतंकी ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद वह मुरादाबाद आया था और किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। उसके पास से बरामद हथियार और विस्फोटक पाकिस्तान से लाए गए थे।
POK में ट्रेनिंग ली थी
एटीएस एसएसपी देवेश कुमार पांडेय ने बताया, हमें सूचना मिल रही थी कि उल्फत हुसैन आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है। इसके बाद से सहारनपुर की एटीएस यूनिट उसे ट्रेस कर रही थी। उसकी लोकेशन जम्मू-कश्मीर के पुंछ में मिली। वहां एटीएस की टीम पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया, उल्फत आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का सदस्य रह चुका है। उसने 1999 से 2000 तक पाक-अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओके) में ट्रेनिंग ली थी।
मुरादाबाद और जम्मू-कश्मीर में कई मुकदमे दर्ज
उल्फत हुसैन के खिलाफ मुरादाबाद और जम्मू-कश्मीर में कई मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें आर्म्स एक्ट, विस्फोटक अधिनियम और आतंकवाद निवारण अधिनियम शामिल हैं। इस ऑपरेशन को सफल बनाने में एटीएस प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार उज्जवल, थाना कटघर के उपनिरीक्षक विमल किशोर, विपिन कुमार और एटीएस की सहारनपुर फील्ड इकाई की टीम शामिल रही। आतंकी को मेडिकल के बाद मुरादाबाद जेल भेज दिया गया है। एटीएस आतंकी के नेटवर्क को भी खंगाल रही है।
उल्फत की 3 शादियां
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, उल्फत की 3 शादियां हुई हैं। तीनों के साथ वह अपने गांव कश्मीर में रहता था। तीनों पत्नियों से उसको 5 बच्चे हैं। एटीएस अभी उसकी पत्नियों और बच्चों के बारे में जानकारी जुटा रही है। सूत्र बताते हैं कि फरारी के बाद से आतंकी पाक खूफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था। आतंकी की नजर यूपी में थी। वह यहां के युवाओं को आतंकी बनाने के प्लान पर काम कर रहा था। एटीएस की रडार में आतंकी की तीनों पत्नियां भी हैं।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकी गिरफ्तार
बता दें, 2 दिन पहले कौशांबी से बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकी गिरफ्तार हुआ था। उसकी पहचान लाजर मसीह के रूप में हुई था। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया था, लाजर महाकुंभ में किसी बड़ी घटना (ब्लास्ट) को अंजाम देने की फिराक में था। इसके बाद वह पुर्तगाल भागना चाहता था। उसे बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने हैंड ग्रेनेड मुहैया कराए थे।
अब्दुल रहमान नाम के संदिग्ध आतंकी
4 दिन पहले, गुजरात एटीएस ने अब्दुल रहमान नाम के संदिग्ध आतंकी को फरीदाबाद (हरियाणा) से पकड़ा था। उसके पास से 2 हैंड ग्रेनेड बरामद हुए थे। अब्दुल का घर अयोध्या के राम मंदिर से 36 किमी दूर मिल्कीपुर में है। वह राम मंदिर की रेकी भी कर चुका था।। एटीएस को शक है कि वह राम मंदिर को हैंड ग्रेनेड से उड़ाने की साजिश रच रहा था। एटीएस की पूछताछ में पता चला था कि आतंकी फरीदाबाद से हैंड ग्रेनेड लेने आया था।
तीन आतंकियों का एनकाउंटर किया
इससे पहले, पीलीभीत और पंजाब पुलिस ने पिछले साल 23 दिसंबर को खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकियों का एनकाउंटर किया था। आतंकियों ने 19 दिसंबर को पंजाब के गुरदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला किया था।आतंकियों के पास से 2 एके-47 राइफल, 2 ग्लॉक पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए थे। मारे गए आतंकियों की शिनाख्त गुरदासपुर निवासी गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई थी।