Grand Event of Mahakumbh,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में हिस्सा लिया और महाकुंभ के सफल आयोजन पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म को मानने वाले दुनियाभर में 120 करोड़ लोग हैं और इस बार के महाकुंभ में 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन पूरी दुनिया के सनातनियों के लिए एक आध्यात्मिक पर्व की तरह था, जिसमें हर परिवार का कोई न कोई सदस्य जरूर शामिल हुआ।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि महाकुंभ ने समाज के हर वर्ग को एक साथ जोड़ने का काम किया। यहां एक ही संगम में अमीर-गरीब, अलग-अलग क्षेत्र और भाषा के लोग एक साथ स्नान कर रहे थे। इससे सामाजिक भेदभाव मिटा और कुंभ ने पूरी दुनिया को एकता और भाईचारे का संदेश दिया।
महाकुंभ से मिला अनुशासन का संदेश
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह आयोजन सिर्फ आस्था का ही नहीं, बल्कि अनुशासन का भी उदाहरण बन गया। इतने बड़े आयोजन में 66 करोड़ से ज्यादा लोग आए, लेकिन कहीं भी कोई अव्यवस्था, छेड़छाड़, लूटपाट या अपहरण जैसी घटना नहीं हुई। हर श्रद्धालु सुरक्षित अपने घर वापस गया। उन्होंने बताया कि इस भव्य आयोजन के लिए 5,000 एकड़ में 6 बड़े पार्किंग स्थल बनाए गए थे, जिनमें 6 लाख बसों की पार्किंग की व्यवस्था थी। लेकिन मौनी अमावस्या के दिन 78 लाख चार पहिया वाहन प्रयागराज पहुंचे, जिससे लोगों को 10-15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। इसके बावजूद किसी ने कोई शिकायत नहीं की, बल्कि भक्ति और श्रद्धा के साथ यात्रा पूरी की।
कुंभ ने दिखाया भारत की ताकत
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महाकुंभ सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति को दिखाने वाला एक बड़ा मंच भी है। यह दुनिया को यह बताने का अवसर देता है कि भारत धर्म, आध्यात्म और अनुशासन के क्षेत्र में भी कितना आगे है।उन्होंने कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजन न केवल देश की परंपरा को मजबूत करते हैं, बल्कि पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की महानता से परिचित कराते हैं। इस आयोजन ने यह भी साबित कर दिया कि इतने बड़े स्तर पर भीड़ को अनुशासित और व्यवस्थित रखा जा सकता है।
महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी बना। यह आयोजन दुनिया को शांति, अनुशासन और एकता का संदेश देने में सफल रहा। योगी आदित्यनाथ ने इसे भारत की धार्मिक शक्ति और प्रशासनिक क्षमता का अद्भुत उदाहरण बताया, जिससे पूरी दुनिया को सीखने की जरूरत है।इसमें कोई अव्यवस्था नहीं हुई, और यह आयोजन धार्मिकता के साथ प्रशासनिक सफलता का भी उदाहरण बन गया।