Sanjay Nishad on BJP Vibhishan: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान देकर सियासी हलचल मचा दी है। फतेहपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संजय निषाद ने बीजेपी में दूसरे दलों से आए नेताओं को “विभीषण” करार दिया। उन्होंने कहा कि ये नेता बीजेपी में आकर मलाई खा रहे हैं और लोकसभा चुनाव में पार्टी की सीटें कम कराने के लिए जिम्मेदार हैं। निषाद के इस बयान ने न सिर्फ विपक्ष को हमलावर बना दिया है बल्कि बीजेपी में भी हलचल मचा दी है। पार्टी के भीतर “बाहरी” नेताओं के प्रभाव का मुद्दा फिर से गर्मा गया है। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यह बयान बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
Sanjay Nishad के बयान से सियासी भूचाल
संजय निषाद के इस बयान के बाद विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया है। समाजवादी पार्टी और बसपा के नेताओं ने इसे बीजेपी में आंतरिक कलह का संकेत बताया है। सपा नेता ने कहा कि निषाद का बयान साफ करता है कि बीजेपी में बाहरी नेताओं का बोलबाला है, जो मूल कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय कर रहा है। वहीं, बसपा ने इसे बीजेपी की अवसरवादी राजनीति का परिणाम बताया है।
बीजेपी के भीतर भी इस बयान से हलचल मच गई है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इसे अनुशासनहीनता करार दिया है। माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व इस मुद्दे पर जल्द ही संजय निषाद से स्पष्टीकरण मांग सकता है। हालांकि, कुछ नेताओं का मानना है कि निषाद ने जो बात कही है, उसमें सच्चाई है और पार्टी को आत्ममंथन करने की जरूरत है।
विभीषण कौन? बीजेपी में बाहरी नेताओं की फेहरिस्त
Sanjay Nishad के बयान के बाद बीजेपी में उन नेताओं की चर्चा तेज हो गई है, जो दूसरे दलों से आकर पार्टी में ऊंचे पदों पर काबिज हो गए। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख नाम:
- बृजेश पाठक: बसपा सरकार में ताकतवर मंत्री रहे बृजेश पाठक अब योगी सरकार में डिप्टी सीएम हैं।
- नंद कुमार गुप्ता नंदी: 2007-2012 तक बसपा सरकार में मंत्री रहे, बाद में कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ा और 2017 में बीजेपी में शामिल हुए। वर्तमान में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
- डॉ. अरुण कुमार (बरेली): सपा छोड़कर 2012 में बीजेपी में आए। तीन बार विधायक बने और वर्तमान में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री हैं।
- नरेंद्र कश्यप: बसपा सरकार में राज्यसभा सांसद रहे, अब योगी सरकार में राज्यमंत्री हैं।
- डॉ. धर्मपाल सिंह: आगरा की एत्मादपुर सीट से 2007 में बसपा विधायक बने, बाद में कांग्रेस में गए और 2022 में बीजेपी के विधायक बने।
- छोटेलाल वर्मा: बसपा और सपा से विधायक रह चुके, 2022 में बीजेपी में शामिल होकर मौजूदा विधायक हैं।
बीजेपी में विभीषणों पर बहस तेज
Sanjay Nishad के बयान ने बीजेपी के अंदर बहस छेड़ दी है कि क्या बाहरी नेताओं को अहम पद देना पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय है। विपक्ष इस मुद्दे को लपक कर बीजेपी की एकता पर सवाल खड़ा कर रहा है।
अब सवाल यह है कि क्या निषाद के इस बयान के बाद पार्टी में बाहरी नेताओं के प्रभाव पर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा या फिर उन्हें पार्टी लाइन पर लाने के लिए कोई कार्रवाई होगी। फिलहाल यूपी की सियासत में होली से पहले ही गर्मी बढ़ती नजर आ रही है।