HIV Annual prevention Shot: ,एचआईवी एक खतरनाक वायरस है, जो इंसान की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। अगर इसका संक्रमण ज्यादा बढ़ जाए, तो यह एड्स जैसी जानलेवा बीमारी का रूप ले सकता है। एचआईवी से बचने के लिए लोग रोज दवाइयां लेते हैं या समय समय पर इंजेक्शन लगवाते हैं। खासतौर पर उन लोगों के लिए यह जरूरी होता है, जिन्हें संक्रमण का ज्यादा खतरा होता है। हालांकि, अब वैज्ञानिकों ने एक अच्छी खबर दी है। एक नई रिसर्च में एचआईवी से बचाने वाला सालाना इंजेक्शन असरदार पाया गया है।
साल में एक बार लगने वाला टीका
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह इंजेक्शन उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें एचआईवी संक्रमण का ज्यादा खतरा है। फिलहाल, ऐसे लोगों को रोजाना गोलियां या हर दो महीने में इंजेक्शन लेना पड़ता है। लेकिन नए शोध में पाया गया कि ‘लेनाकापाविर’ (Lenacapavir) नामक इंजेक्शन को सिर्फ साल में एक बार लगवाने की जरूरत होगी।
रिसर्च में क्या पता चला?
यह स्टडी मशहूर मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ में प्रकाशित हुई है।
शोध में 40 एचआईवी-रहित लोगों को लेनाकापाविर इंजेक्शन दिया गया, जो सीधे मांसपेशियों में लगाया गया था।
स्टडी में पाया गया कि इस इंजेक्शन का कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हुआ और 56 हफ्तों बाद भी यह शरीर में मौजूद था।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह इंजेक्शन एचआईवी संक्रमण से बचाने में काफी कारगर साबित हो सकता है।
वर्तमान में एचआईवी से बचाव के उपाय
इस समय एचआईवी संक्रमण से बचने के लिए ‘प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस’ (PrEP) नाम की दवाएं उपलब्ध हैं। जो लोग एचआईवी के खतरे में होते हैं, वे इसे रोजाना गोलियों के रूप में लेते हैं या हर आठ हफ्ते में इंजेक्शन लगवा सकते हैं। ये उपाय संक्रमण के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं। हालांकि, रोज दवाई लेना कई लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है। इसलिए वैज्ञानिक लंबे समय तक असर दिखाने वाली दवा विकसित करने पर काम कर रहे हैं।
एचआईवी से जुड़ी मौजूदा स्थिति
2023 के आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 3.90 करोड़ लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं, जिनमें से 65% लोग अफ्रीकी देशों में रहते हैं। इस बीमारी के प्रभाव को कम करने के लिए वैज्ञानिक लगातार नए इलाज और टीके विकसित कर रहे हैं।
एचआईवी से बचाव के लिए साल में एक बार लगने वाला यह नया टीका एक बड़ी सफलता हो सकता है। यह उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होगा, जो हर दिन दवा लेने में कठिनाई महसूस करते हैं। अगर आगे के ट्रायल भी सफल रहे, तो यह इंजेक्शन एचआईवी संक्रमण को रोकने में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।