Nagpur violence: नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने दर्ज एफआईआर में मास्टरमाइंड के रूप में माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के शहर अध्यक्ष फहीम शमीम खान का नाम सामने आया है। गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार, फहीम शमीम के नेतृत्व में 50 से 60 लोगों ने अवैध रूप से पुलिस स्टेशन पर भीड़ इकट्ठा की।
हिंसा की शुरुआत उस वक्त हुई जब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले के सामने औरंगज़ेब की कब्र के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान औरंगज़ेब का प्रतीकात्मक पुतला जलाया गया। इसके जवाब में फहीम शमीम के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया और वहां तैनात पुलिसकर्मियों पर घातक हथियारों से हमला किया।
भीड़ का हमला और महिला पुलिसकर्मी से छेड़खानी
एफआईआर के मुताबिक, शाम 4 बजे के करीब छत्रपति शिवाजी पुतले के पास दंगा भड़काने के इरादे से 400 से 500 लोगों की भीड़ जुटाई गई। बार-बार अनाउंसमेंट करके भीड़ को वहां से हटने का निर्देश दिया गया, लेकिन भीड़ ने इसे नजरअंदाज कर दिया। हथियारों से लैस इस भीड़ ने Nagpur पुलिसकर्मियों पर कुल्हाड़ी, पत्थर और लाठियों से हमला किया।
इस दौरान भालदारपुरा चौक इलाके में पुलिस पर पेट्रोल बम भी फेंके गए। पुलिसकर्मियों को ड्यूटी निभाने से रोकने के लिए भद्दी गालियां दी गईं और धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश की गई। हिंसा के दौरान कुछ अराजक तत्वों ने महिला पुलिसकर्मियों से भी छेड़खानी की। एक महिला कांस्टेबल के साथ अश्लील हरकतें की गईं और अन्य महिला कर्मचारियों पर भी अभद्र टिप्पणियां की गईं।
कानून-व्यवस्था की चुनौती
इस Nagpur हिंसा के बाद Nagpur पुलिस ने कई आरोपियों के खिलाफ सख्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, इस हिंसा में शामिल सभी आरोपियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
प्रशासन ने नागपुर शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों ने भी स्थिति का जायजा लिया है। नागपुर हिंसा ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और प्रशासन पूरी सख्ती से कार्रवाई करने की बात कह रहा है।