Sanjay Nishad controversial statement: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद के विवादित बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। मंत्री ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह अपनी बात पर पूरी तरह कायम हैं। दरअसल, उन्होंने पहले एक बयान में कहा था कि “अगर रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो आत्मरक्षा में कुछ भी करना पड़ेगा।” इस बयान के बाद विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
डॉ. संजय निषाद का कहना है कि कार्यकर्ता किसी भी पार्टी की रीढ़ की हड्डी होते हैं। अगर कार्यकर्ताओं को बिना किसी वजह के फंसाया जाएगा और जबरदस्ती परेशान किया जाएगा, तो उन्हें आत्मरक्षा के लिए कदम उठाना ही पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान ने आत्मरक्षा का अधिकार दिया है, और अगर कानून के रक्षक ही उत्पीड़न करेंगे, तो जनता को आत्मरक्षा का अधिकार है।
"यहां ऐसे ही नहीं पहुंचा हूं। सात दरोगा के हाथ पैर तुड़वाकर, उसे गड्ढे में फेंकवाकर, तब डॉक्टर संजय यहां पर आया है"
यूपी सरकार के मंत्री संजय निषाद जी यह सब बोल रहे हैं। आगे जरूरत के हिसाब से और भी कृत्य करने की बात कह रहे हैं। pic.twitter.com/VefDY21m1q
— Rajesh Sahu (@askrajeshsahu) March 19, 2025
पुराना बयान और विवाद
Sanjay Nishad का यह बयान 7 जून 2016 को हुए रेल रोको आंदोलन से जुड़ा है। उस समय निषाद समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत थे। आंदोलन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ था, जिसमें निषाद समुदाय के कुछ लोगों को गोली लगने से जान गंवानी पड़ी थी। मंत्री ने उस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि आंदोलन करना अधिकार है, और अगर पुलिस उत्पीड़न करती है, तो आत्मरक्षा करना जरूरी हो जाता है।
उन्होंने कहा कि गांधी और अंबेडकर ने संविधान में आंदोलन का अधिकार दिया है। यदि आंदोलन न होते तो देश को आजादी नहीं मिलती। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय सपा सरकार के इशारे पर पुलिस ने उनके समुदाय के कार्यकर्ताओं पर गोलियां चलाईं, जिसमें उनके भाई की भी मौत हो गई थी।
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मंत्री का अडिग रुख
विवाद बढ़ने पर भी मंत्री Sanjay Nishad अपने बयान पर डटे हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी को भड़काना नहीं है, बल्कि आत्मरक्षा के अधिकार को लेकर जागरूक करना है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कानून के रखवाले ही अत्याचार करेंगे, तो जनता चुप नहीं बैठेगी।
विपक्षी दलों ने इस बयान को लेकर मंत्री पर कड़ा प्रहार किया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके इस्तीफे की मांग की है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस बयान को असंवैधानिक और उकसाने वाला बताया है। वहीं, भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
Sanjay Nishad का यह बयान उत्तर प्रदेश की सियासत में नया विवाद पैदा कर चुका है। अब देखना होगा कि योगी सरकार इस मामले पर क्या रुख अपनाती है और मंत्री के बयान पर क्या कार्रवाई करती है।