UP Electricity : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में बिजली बिलों में गड़बड़ी के मामले में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। फैक्ट्रियों के लिए बिजली बिलों को कम करके दिखाने और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए जिम्मेदार बिजली अफसरों की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। यूपी विजीलेंस ने छापेमारी कर एक संविदा लाइनमैन के मकान से 98 बिजली मीटर बरामद किए हैं। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ऐसा हुआ घोटाले का खुलासा
विजीलेंस टीम ने बरेली के मीरगंज थाना क्षेत्र में स्थित एक बिजली अफसर के घर पर छापेमारी की, जहां से यह मीटर बरामद हुए। इन मीटरों में से कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के नाम पर आवंटित थे, जबकि कुछ मीटरों पर शहरी क्षेत्र और फरीदपुर औद्योगिक क्षेत्र का सीलिंग नंबर भी था। जांच में यह भी सामने आया कि इन मीटरों का इस्तेमाल विद्युत चोरी और बिल कम करने के लिए किया जा रहा था।
मीटर रीडिंग में गड़बड़ी के आरोपी अफसर
विजीलेंस की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि बरेली में तैनात पांच जूनियर इंजीनियर और तीन एसडीई इस गड़बड़ी में शामिल थे। कुछ मीटर ऐसे पाए गए, जो उपभोक्ताओं के प्रतिष्ठानों पर तो लगाए गए थे, लेकिन उन पर बिना मीटर के ही बहुत कम बिजली बिल भेजे जा रहे थे। इसके साथ ही कुछ मीटरों में बिजली चोरी करने के लिए चिप भी लगाए गए थे। यह दिखाता है कि बिजली निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
घपले में छोटे कर्मचारियों का बड़ा हाथ
बिजली निगम में छोटे कर्मचारियों को मोहरा बना कर बड़े घोटाले किए जाते रहे हैं। लाइनमैन जैसे छोटे पगार वाले कर्मचारी भी इन घोटालों में शामिल हो गए हैं और कई ने आलीशान मकान-कोठियां बनाईं। सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले का खेल बड़े और छोटे अधिकारियों के बीच उनकी कद और पद के हिसाब से चलता रहा है।
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विजीलेंस की तीन दिन की तफ्तीश में बरेली के 20 से अधिक बिजली अफसरों और कर्मचारियों की पहचान की गई है। जांच के बाद इन घोटालेबाज अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विजीलेंस अफसरों का कहना है कि सभी मीटरों की जांच पूरी होने के बाद इस घोटाले के जिम्मेदार जूनियर इंजीनियरों, एसडीई और अन्य अफसरों के नाम उजागर किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद
बरेली में घोटालेबाज अफसरों के खिलाफ जल्द ही शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इन अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। बिजली निगम के चीफ इंजीनियर ने विभागीय जांच बिठाने की बात कही है, जबकि विजीलेंस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।