कानपुर। आरएसएस चीफ मोहन भागवत रविवार की देरशाम कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां से उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच सड़क मार्ग से संघ कार्यालय केशव भवन लाया गया। सोमवार को आरएसएस चीफ ने केशव भवन में नवीन प्रांतीय कार्यालय भवन का उद्घाटन किया। मोहन भागवत के इस दौरे को अहम माना जा रहा है। आरएसएस की सबसे पुरानी नर्सरी कानपुर में वह मिशन यूपी को लेकर स्वयंसेवकों के साथ मंथन कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि 16 अप्रैल को सीएम योगी आदित्यनाथ भी कानपुर आएंगे और आरएसएस चीफ से मुलाकात करेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था के तगड़े इंतजाम
आरएसएस की नर्सरी कानपुर में देरशाम मोहन भागवत वंदेभारत ट्रेन से उतरे। वह यहां से सीधे केशव भवन गए। इस दौरान केशव भवन में आरएसएस चीफ मोहन भागवत के आगमन के चलते कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किया किए हैं। केशव भवन के चारों तरफ बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक दिन पहले ही पुलिस कमिश्नर ने बैठक भी की थी। टाटमिल से लेकर अफीमकोठी चौराहा तक अतिरिक्त फोर्स लगाई गई है। द्रोन और सीसीटीवी के जरिए पुलिस हर गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है।
भारत हिंदू समाज का घर
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन मधुकर भागवत ने सोमवार को कारवालोनगर में नवनिर्मित प्रदेश के पहले संघ भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में संघ कार्यकर्ता मौजूद रहे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए समाज को कार्य करना होगा। भारत हिंदू समाज का घर है। संघ जीवन है। संघ का कार्य सबके जीवन में सुचिता और करुणा लाना है। भागवत ने बाबा साहब को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हिंदू समाज को विषमता से बाहर लाने का काम किया।
पांच दिन शहर में ही प्रवास करेंगे मोहन भागवत
आरएसएस चीफ मोहन भागवत पांच दिन शहर में ही प्रवास करेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान वह क्षेत्र और कानपुर प्रांत से जुड़े प्रचारकों के साथ बैठक कर अक्तूबर में होने वाले संघ के शताब्दी वर्ष की कार्ययोजना तैयार करेंगे। शाम को वह क्षेत्र, प्रांत, विभाग, जिला प्रचारकों के साथ बैठक कर सेवा, समरसता, पर्यावरण के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों पर भी चर्चा करेंगे। इसमें घर-घर तुलसी वितरण, प्लास्टिक के प्रयोग से होने वाली हानियों पर भी बातचीत की जाएगी।
16 को सीएम योगी कानपुर आ सकते
मोहन भागवत 15 और 16 अप्रैल को संघ के छह आयाम में से एक सेवा विभाग के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद 15 को ही कोयला नगर और 16 को निराला नगर की शाखा में शामिल होने जाएंगे। 17 को संघ की प्रांत कार्यकारिणी के साथ संघ शताब्दी वर्ष में संघ पंच परिवर्तन को लेकर चर्चा की जाएगी। बताया जा रहा है कि 16 अप्रैल को आरएसएस चीफ और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच बातचीत हो सकती है। जानकार बताते हैं कि 16 को सीएम योगी कानपुर आ सकते हैं। हालांकि इसको लेकर अभी पुष्टि नहीं की गई।
संघ भवन में पहली बार प्रवास कर रहे भागवत
मोहन भागवत ऐसे पहले सर संघ चालक हैं, जो उत्तर प्रदेश के किसी संघ भवन में पहली बार प्रवास कर रहे हैं। अभी तक जब भी उनका कानपुर या प्रदेश के किसी भी जिले में आना हुआ है, उनका प्रवास संघ कार्यालयों की जगह किसी अन्य स्थान पर ही रहा है। अभी तक प्रदेश में संघ की अपनी कोई ऐसी जगह नहीं थी। कानपुर में आरएसएस का पहला भवन बनकर तैयार हो गया है और मोहन भागवत ने इसका उद्घाटन भी किया।
नवनिर्मित चार मंजिल संघ भवन
नवनिर्मित चार मंजिल संघ भवन में राजस्थान से लाए गए लाल पत्थरों का प्रयोग किया गया है। भवन की पेंटिंग गोबर मिश्रित विशेष पेंट से कराई गई है। भवन का मुख्य द्वार और चारदीवारी भी लाल पत्थर से बनाई गई है। भवन के बेसमेंट में पार्किंग के अलावा एक बड़ी लाइब्रेरी की स्थापना भी की गई है। यहां पर सभी हिंदू धर्मों, इतिहास को बताने वाले साहित्य और ज्ञानवर्धक पुस्तकें रखी गई हैं।
जिसे ’मिशन यूपी’ नाम दिया गया था
आरएसएस चीफ मोहन भागवत कानपुर आने से पहले वाराणसी के दौरे पर थे। जिसे ’मिशन यूपी’ नाम दिया गया था। बीते सोमवार को वे काशी से लखनऊ पहुंचे थे। संघ के दफ्तर भारती भवन में कई महत्वपूर्ण बैठकों में शामिल हुए थे। मोहन भागवत का काशी दौरा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष की तैयारियों से जुड़ा था। कुछ ऐसा कानपुर को लेकर भी कहा जा जा रहा। हालांकि, इसे यूपी की राजनीतिक हलचलों से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
बेहद रणनीतिक माना जा रहा है
दरअसल, यूपी में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद से लगातार प्रमुखता से देखा जा रहा है। इस कारण संघ प्रमुख के दौरे और निष्क्रिय सदस्यों से मुलाकात को अलग नजरिए से देखा जा रहा है। बता दें, संघ अपने शताब्दी वर्ष को लेकर देशभर में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर रहा है और इस अभियान के तहत मोहन भागवत का यूपी दौरा संगठन के लिए बेहद रणनीतिक माना जा रहा है।