free education in Germany for international students : हर साल उच्च शिक्षा की लागत तेजी से बढ़ रही है। भारत हो या विदेश, छात्रों को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। विदेश में तो यह खर्च सालाना 20-30 लाख रुपये तक पहुंच जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा देश भी है, जहां पढ़ाई के लिए कोई ट्यूशन फीस नहीं देनी पड़ती? ये देश है जर्मनी। इस देश ने ट्यूशन फीस माफ करके छात्रों को विदेश में पढ़ने का सुनहरा मौका दिया है।
जर्मनी में पढ़ाई क्यों होती है मुफ्त?
जर्मनी में यह मान्यता है कि शिक्षा सभी का अधिकार है और इसे व्यापार नहीं बनाया जाना चाहिए। इस सोच के चलते वहां के सरकारी यूनिवर्सिटीज़ में ट्यूशन फीस नहीं ली जाती। साल 2014 में वहां की सरकार ने पूरी तरह से ट्यूशन फीस को खत्म कर दिया था। हालांकि, मामूली रजिस्ट्रेशन फीस ली जाती है जो हर सेमेस्टर में करीब 250 से 300 यूरो तक होती है।
किन यूनिवर्सिटियों में मिलती है ये सुविधा?
जर्मनी में लगभग 400 सरकारी विश्वविद्यालय हैं और यहां 2000 से ज़्यादा कोर्स ऑफर किए जाते हैं। इनमें कुछ प्रमुख यूनिवर्सिटी हैं
लुडविग मैक्सिमिलियन यूनिवर्सिटी
म्यूनिख तकनीकी विश्वविद्यालय
हीडलबर्ग यूनिवर्सिटी
आरडब्ल्यूटीएच आचेन यूनिवर्सिटी
हम्बोल्ट यूनिवर्सिटी
कोलोन और हैम्बर्ग यूनिवर्सिटीज
रहन-सहन का खर्च कौन उठाता है?
हालांकि पढ़ाई फ्री है, लेकिन वहां रहने, खाने और ट्रैवल का खर्च खुद उठाना पड़ता है। विदेशी छात्रों को ब्लॉक खाता खोलना होता है, जिसमें करीब 11,904 यूरो जमा करना जरूरी होता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि छात्र पढ़ाई के दौरान अपना खर्च चला सकें।
क्या पढ़ाई के बाद वहीं रह सकते हैं?
जी हां, जर्मनी छात्रों को डिग्री पूरी होने के बाद 18 महीने का वर्क सर्च वीजा देता है। इस दौरान वे नौकरी ढूंढ सकते हैं और जर्मनी में रह भी सकते हैं। अगर नौकरी मिल जाती है तो वीजा बढ़ाया भी जा सकता है।