शहीद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप
जेबा अफरोज ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “अंधभक्तों और आईटी सेल ने शहीद की पत्नी को भी नहीं छोड़ा… ये नीच लोग उन्हें गालियां देकर अपमानित कर रहे हैं, क्योंकि वो हिंदू-मुसलमान के एजेंडे के खिलाफ बोल रही हैं।” इसके अलावा उन्होंने कहा, “देश के वफादार हमेशा मुसलमान रहे हैं, गद्दार तो हमेशा संघी रहे हैं।” इन शब्दों ने सोशल मीडिया पर आक्रोश की लहर फैला दी। लोगों ने शिक्षिका की देशविरोधी मानसिकता की निंदा करते हुए प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
Sonbhadra बेसिक शिक्षाधिकारी मुकुल आनंद पाण्डेय ने बताया कि विवादित पोस्ट की जानकारी मिलते ही शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जांच का जिम्मा खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा गया है। शिक्षा विभाग ने इस बयान को आचार संहिता का घोर उल्लंघन माना है और विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
इस Sonbhadra घटना को लेकर दो तरह की राय उभर रही है। एक ओर लोग इसे शहीदों और देश की गरिमा का अपमान मानते हुए कठोर दंड की मांग कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नजरिए से देख रहे हैं। हालांकि बहुसंख्यक नागरिकों और संगठनों ने शिक्षिका की टिप्पणी को देशविरोधी करार दिया है। प्रशासन ने साफ किया है कि इस प्रकार की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। जांच पूरी होने के बाद जेबा अफरोज के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।